सीबीआई के बाद सेबी भी जुटी जांच में, इनसाइडर ट्रेडिंग की आशंका

शुक्रवार को सूत्रों के हवाले दिन भर खबर आती रही कि पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी इस बात की जांच कर रही है कि हाउसिंग लोन घोटाले में शामिल लोगों व फर्मों ने कुछ कंपनियों के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग तो नहीं की है। असल में इसमें एलआईसी के सचिव (निवेश) नरेश चोपड़ा पर यही आरोप है कि वह मनी मैटर्स फाइनेंशियल से रिश्वत लेकर उन कंपनियों की जानकारी दिया करता है जिनमें एलआईसी निवेश करनेवाली है। हालांकि सेबी की तरफ से ऐसी कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार एक सूत्र ने उसे बताया, “सेबी इस मसले पर इसलिए गौर कर रही है क्योंकि इसका आकार काफी बड़ा है। हम इसमें इनसाइडर ट्रेडिंग का पहलू तो जांच ही रहे हैं। साथ ही साथ कॉरपोरेट गवर्नेंस और मूल्यों के साथ छेड़छाड़ के मुद्दों पर भी गौर कर रहे हैं।”

दूसरी प्रमुख समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) ने भी सूत्रों के हवाले खबर दी है कि सेबी ने दो दर्जन से अधिक कंपनियों के शेयरों में संभावित फ्रंट-रनिंग और इनसाइडर ट्रेडिंग की जांच शुरू कर दी है। इनमें कुछ ब्लूचिप या नामी कंपनियां भी शामिल हैं। सेबी को आशंका है कि सीबीआई द्वारा उजागर किए गए हाउसिंग फाइनेंस घोटाले में शामिल लोगों और कंपनियों ने इस तरह का गोरखधंधा किया होगा।

सेबी के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले बताया गया है कि शुरुआती जानकारी और सीबीआई के आरोपों के मेल से संकेत मिलता है कि बड़े संस्थागत निवेशकों (एलआईसी) की खरीद की पहले से जानकारी के आधार पर इन कंपनियों के शेयर खरीदे या बेचे गए हैं। गौरतलब है कि एलआईसी के पास चालू वित्त वर्ष में निवेश के लिए लगभग दो लाख करोड़ रुपए हैं, जिसमें से 61,000 करोड़ रुपए शेयरों में लगाने जाने हैं।

बता दें कि इनसाइडर ट्रेडिंग का मतलब कंपनी संबंधी अघोषित अंदरूनी जानकारियों के आधार पर उसके शेयरों में ट्रेडिंग करना है। इसमें संस्थाओं की खरीद जैसी मूल्य-संवेदी सूचनाएं भी शामिल हैं। इसके खिलाफ सेबी का पूरा कानून है और इसमें कड़ी सजा का प्रावधान है। इसी साल जून में सेबी एडलैब्स में इनसाइडर ट्रेडिंग का दोषी ठहराते हुए मनमोहन शेट्टी पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगा चुकी है।

इस बीच सीबीआई ने शुक्रवार को कहा कि हाउसिंग लोन से जुड़ी रिश्वतखोरी के मामले में कुल 21 कंपनियों की जांच कर रही है। इसका सबसे ज्यादा नकारात्मक असर बैंकों और रीयल एस्टेट क्षेत्र की कंपनियां के शेयरों पर पड़ रहा है। इससे पहले शुक्रवार को सुबह देश के प्रमुख आर्थिक अखबार इकनॉमिक टाइम्स ने भी खबर छापी थी कि सेबी को कम से कम नौ कंपनियों के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग की आशंका है। इसमें एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस, सेंट्रल बैंक और मनी मैटर्स फाइनेंशियल के अलावा डीबी रीयल्टी, जेएसडब्ल्यू पावर, रेलिगेयर एंटरप्राइसेज, जेपी हाइड्रो, अडानी एंटरप्राइसेज और पैंटालून रिटेल शामिल हैं।

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