जब हम भारत की बात करते हैं तो व्यापक अर्थों में उसका मतलब होता है वह भारत, जिसका राष्ट्रीय हितों से अलग अपना कोई निजी स्वार्थ नहीं है। न कोई राजनीतिक स्वार्थ और न ही आर्थिक स्वार्थ। इस अर्थ में देशी या विदेशी निजी कंपनियों के हाथों में राष्ट्रीय रणनीतिक व सामरिक महत्व के उद्योग-धंधे और कोयले जैसी भू-संपदा सौंपकर हम भारत को आत्मनिर्भर बनाने का दावा कतई नहीं कर सकते। ऐसा इसलिए कि जहां सरकार काऔरऔर भी

मार्च में खत्म हो रहे वित्त वर्ष 2012-13 के आम बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य व प्रसारण जैसी सामाजिक सेवाओं पर 20,784 करोड़ रुपए के खर्च का प्रावधान है। यह देश की 121 करोड़ से ज्यादा आबादी के लिए है। वहीं, केंद्र सरकार राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री जैसे मुठ्ठी भर वीवीआईपी लोगों के लिए 12 हेलिकॉप्टर खरीदने का फैसला करती है, जिसकी लागत 3600 करोड़ रुपए है। यह रकम सामाजिक सेवाओं के व्यय की 17.32% बैठती है। भले हीऔरऔर भी

देश की बीमा नियामक संस्था, आईआरडीए (इरडा) के चेयरमैन जे हरिनारायण को निजी बीमा कंपनियों के तौर-तरीकों पर सख्त एतराज है, खास उनके वितरण के मौजूदा ढर्रे पर। उनका कहना है कि निजी बीमा कंपनियों के वितरण खर्च का करीब 75 फीसदी हिस्सा ऑनबोर्डिंग यानी लिखत-पढ़त व कागज़ी खानापूरी में चला जाता है। कंपनियां इरडा द्वारा तय मैनेजमेंट लागत की सीमा तो पार कर गई है, लेकिन कमीशन के मामले में यह सीमा तय मानक से कमऔरऔर भी

बारहवीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्‍पाद) के 1.8 फीसदी के बजाय 2.5 फीसदी खर्च किया जाएगा। यह कहना है कि योजना आयोग की सदस्‍य सईदा हमीद का। गुरुवार को दिल्‍ली के नजदीक सूरजकुंड में अंतरराष्‍ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अवसर पर अपने संबोधन में श्रीमती हमीद ने कहा कि यह एक लम्‍बी छलांग होगी। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रीय प्रतिरक्षण कार्यक्रम को और मजबूत बनाने की दिशा में समाज और लोगों में इसका लाभऔरऔर भी

सत्ता मिलते ही मरतक नेताओं तक के चेहरे चमकने लगते हैं, स्वास्थ्य दमकने लगता है, आयु बढ़ जाती है। सत्ता का यही प्रताप है। जनता को भी सत्ता दे दी जाए तो उसका भी सारा दुख-दारिद्र मिट सकता है।और भीऔर भी

भारत में बीड़ी दूसरा सबसे अधिक इस्‍तेमाल किए जानेवाला तम्‍बाकू उत्‍पाद है। एक सर्वेक्षण के अनुसार यहां 10.3% पुरुष सिगरेट और 16% पुरुष बीड़ी पीते हैं। महिलाओं में 0.8% सिगरेट पीने वाली हैं तो 1.9% बीड़ी पीती हैं। अरुणाचल में 21.9%, त्रिपुरा में 21.5%, उत्‍तराखंड में 19.2%, मेघालय में 18.7%, राजस्‍थान में 16%, पश्चिम बंगाल में 15.7% और गोवा में 1.5% लोग बीड़ी पीते है। बीड़ी पीने से भी सिगरेट की तरह ही स्‍वास्‍थ्‍य पर बुरा प्रभावऔरऔर भी

एक तरफ केरल सरकार कह रही है कि तिरुअनंतपुरम के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के तहखानों में मिली एक लाख करोड़ रुपए की दौलत वहीं रहने दी जाए, वहीं उसे राज्य की ग्राम पंचायतों व नगरपालिकाओं को मजबूत बनाने के लिए विश्व बैंक से 20 करोड़ डॉलर (करीब 900 करोड़ रुपए) का ऋण लेना पड़ रहा है। केरल को यह ऋण देने के लिए सोमवार को तिरूअनंतपुरम में भारत सरकार और विश्व बैंक के बीच समझौते पर हस्ताक्षरऔरऔर भी

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि उड़ीसा में वेदांता की एल्युमीनियम रिफाइनरी के लाल मिट्टी वाले तालाब में विषाक्त तत्व हैं और यह स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा  है। हालांकि कंपनी ने इस दावे का खंडन किया है। एमनेस्टी के अनुसार उसे वेदांता की लांजीगढ़ रिफाइनरी के जुड़े कुछ वीडियो मिले हैं जिनमें बारिश के कारण तालाब का तरल कचरा नजदीकी सड़कों पर बहता दिखता है। वेदांता की यह एल्युमिनियम रिफाइनरी 10 लाख टनऔरऔर भी