एक तरफ केरल सरकार कह रही है कि तिरुअनंतपुरम के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के तहखानों में मिली एक लाख करोड़ रुपए की दौलत वहीं रहने दी जाए, वहीं उसे राज्य की ग्राम पंचायतों व नगरपालिकाओं को मजबूत बनाने के लिए विश्व बैंक से 20 करोड़ डॉलर (करीब 900 करोड़ रुपए) का ऋण लेना पड़ रहा है।
केरल को यह ऋण देने के लिए सोमवार को तिरूअनंतपुरम में भारत सरकार और विश्व बैंक के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह ऋण विश्व बैंक की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (एडीए) के जरिए मिलेगा। इसे केरल सरकार सत्ता के विकेन्द्रीकरण में दूसरी पीढ़ी के सुधारों को लागू करने के लिए स्थानीय तंत्र में सुधार पर खर्च करेगी।
समझौते पर भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय में आर्थिक कार्य विभाग के संयुक्त सचिव वेणु राजमोनी, केरल सरकार की ओर से प्रमुख सचिव जेम्स वर्गीज और विश्व बैंक की ओर से रोलैंड लोमे ने हस्ताक्षर किए।
इस मौके पर राजमोनी ने कहा कि यह परियोजना ग्राम पंचायतों व नगरपालिकाओं को मजबूती प्रदान करेगी ताकि वे लोगों को पीने के पानी, सड़कें सफाई स्वास्थ्य व शिक्षा जैसी आवश्यक सेवाओं को अच्छी तरह उपलब्ध करा सकें। बता दें कि आईडीए विश्व बैंक की रियायती ऋण देने वाली संस्था है जो 35 सालों की परिपक्वता और 10 साल की अतिरिक्त अवधि के लिए ब्याज-मुक्त ऋण उपलब्ध कराती है।