एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि उड़ीसा में वेदांता की एल्युमीनियम रिफाइनरी के लाल मिट्टी वाले तालाब में विषाक्त तत्व हैं और यह स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। हालांकि कंपनी ने इस दावे का खंडन किया है।
एमनेस्टी के अनुसार उसे वेदांता की लांजीगढ़ रिफाइनरी के जुड़े कुछ वीडियो मिले हैं जिनमें बारिश के कारण तालाब का तरल कचरा नजदीकी सड़कों पर बहता दिखता है। वेदांता की यह एल्युमिनियम रिफाइनरी 10 लाख टन सालाना क्षमता की है। वैसे, उड़ीसा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले महीने 5 मई 2011 की एक रिपोर्ट में कहा था कि लाल मिट्टी वाले तालाब में किसी तरह का रिसाव नहीं हुआ है।
एमनेस्टी के अनुसंधानकर्ता (दक्षिण भारत) रमेश गोपालकृष्णन ने एक बयान में कहा, “लाल मिट्टी का यह तालाब स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य, आजीविका व सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। वेदांता व प्रशासन के अधिकारियों को इस बाबत कार्रवाई करनी चाहिए।” असल में लाल मिट्टी के तालाब में 92 अरब लीटर विषैले अपशिष्ट पदार्थ हैं जो बॉक्साइट की रिफाइनिंग के दौरान निकलते हैं। एमनेस्टी का कहना है कि बारिश करीब है। ऐसे में कुछ कदम न उठाए गए तो आसपास के जनजीवन को खतरा पैदा हो सकता है।
वहीं वेदांता एल्युमीनियम के अध्यक्ष मुकेश कुमार का कहना है कि, “यह आधी अधूरी रिपोर्ट है। लाल मिट्टी के नजदीकी पानी के तालाबों तक पहुंचने की कोई आशंका नहीं है क्योंकि विषले तत्वों के पानी तक पहुंचने से रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा प्रणाली अपनाई गई है।”