पिछले कुछ सालों में ही कंपनियों के प्रति निवेशकों का नजरिया बदल गया है। तीन-चार साल पहले 2007-08 तक अगर कंपनियों का बड़े नेताओं से ताल्लुक होता था तो उन्हें अच्छा माना जाता था। 2005 से 2007 तक चले तेजी के दौर में राजनीतिक संपर्कों वाली कंपनियों के शेयर जमकर चढ़े। लेकिन 2008 आते-आते यह दौर खत्म हो गया। अब हालत यह है कि राजनीतिक जुड़ाव होना एक तरह का जोखिम माना जाने लगा है और बड़े औरऔर भी

भंडारण सुविधाओं की तंगी से तंग आकर सरकार ने चार साल पहले गेहूं निर्यात पर लगाया गया प्रतिबंध उठा लिया है। यह फैसला करीब हफ्ते भर पहले 11 जुलाई को मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह की बैठक में लिया जा चुका है। लेकिन कृषि मंत्री शरद पवार ने दिल्ली में यह जानकारी शनिवार को दी। जब उनसे मीडिया ने पूछा कि क्या गेहूं निर्यात पर बैन हटाया जा चुका है तो उनका जवाब था, “हां, अब कोईऔरऔर भी

एक तरफ लगभग आम राय बन चुकी है कि मुद्रास्फीति को थामने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की पहली मध्य-तिमाही समीक्षा में नीतिगत ब्याज दरों को चौथाई फीसदी बढ़ा सकता है, वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार के नए कैबिनेट सचिव अजित कुमार सेठ मुद्रास्फीति को कोई खतरा नहीं मानते। उनका कहना है कि मुद्रास्फीति को लेकर ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं हैं। सरकार का यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि नवीनतम आंकड़ोंऔरऔर भी

बाजार लोगों का झुंड नहीं होता, भीड़ नहीं होता। वह आगा-पीछा, भूत-भविष्य देख अपना फायदा सोचकर चलनेवालों का सामूहिक विवेक होता है। ठीक उसी तरह जैसे चुनावों में अवाम का फैसला भीड़ का नहीं, बल्कि सामूहिक विवेक का फैसला होता है। हां, पहले बूथ कैप्चरिंग वगैरह चलती थी तो अवाम की सही चाहत सामने नहीं आ पाती थी। ईवीएम मशीनें आने व चुनिंदा चुनाव सुधारों के बाद हालात पहले से बेहतर हुए हैं। इसी तरह हमारे बाजारऔरऔर भी

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हारून लोर्गट का मानना है कि भारतीय उप महाद्वीप में सट्टेबाजी को वैध कर देना चाहिए। इससे सट्टेबाजों पर निगाह रखने में मदद मिलेगी और ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना भी आसान हो जाएगा।’ लोर्गट ने कहा, ‘‘यदि इस कारोबार को वैध बना दिया जाता है तो फिर आप वास्तव में उनके साथ मिलकर काम करोगे। ऐसे में उन पर बेहतर तरीके से निगरानी रखी जा सकती है। यदिऔरऔर भी

खाद्य मंत्री के वी थॉमस अड़ गए हैं कि वे देश से गेहूं का निर्यात नहीं होने देंगे। ऐसा तब जबकि 19 जनवरी तक उनके बॉस रहे कृषि मंत्री शरद पवार ने पिछले ही हफ्ते कहा था कि देश में गेहूं का भारी स्टॉक है और हमें इसके निर्यात की इजाजत दे देनी चाहिए। वैसे, थॉमस ने मंगलवार को कहा कि गेहूं निर्यात के बारे में अगले हफ्ते मंत्रियों का समूह विचार करेगा। मंत्रियों के समूह कीऔरऔर भी

कृषि मंत्री शरद पवार ने अण्णा हजारे के खुलकर सच बोलने के बाद भ्रष्टाचार पर बने मंत्रियों के समूह (जीओएम) से इस्तीफा दे दिया है। लेकिन हजारे का कहना है कि पवार को मंत्री पद से भी इस्तीफा दे देना चाहिए। पवार के इस्तीफे की खबर मिलने के बाद हजारे ने कहा, “जब वे मुख्यमंत्री थे, तब मैने पद्मश्री लौटा दिया था। मंत्रियों के समूह से पवार के इस्तीफा दे देने से हमारी समस्या सुलझी नहीं है।औरऔर भी

फसल वर्ष 2010-11 (जुलाई-जून) में खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 2358.8 लाख टन रहने का अनुमान है। सरकार का अनुमान है कि 2010-11 में गेहूं और दालों का उत्पादन अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच जाएगा। कृषि मंत्री शरद पवार ने बुधवार को राजधानी में आयोजित ‘खरीफ कांफ्रेंस’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘तीसरा अग्रिम अनुमान हमारे पास आ चुका है। इससे पता चलता है कि इस साल 2358.8 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन होगा, जो कि अबऔरऔर भी

कृषि मंत्री शरद पवार ने खेल मंत्री अजय माकन, सूचना प्रसारण मंत्री अम्बिका सोनी व पर्यटन मंत्री कुमारी शैलजा लेकर वित्त मंत्रालय तक के एतराज के बावजूद आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) को भारत में खेले गए सभी विश्व कप मैचों पर टैक्स में छूट दिला दी है। इससे आईसीसी को कम से कम 45 करोड़ रुपए का फायदा होगा। पवार ने गुरुवार को कैबिनेट से यह प्रस्ताव पास करवा लिया। इसमें उनकी पार्टी एनसीपी के सदस्य औरऔरऔर भी

हसन अली पुणे महाराष्ट्र का रहनेवाला वो शख्स है जिसका घोषित धंधा घुड़दौड़ का है। मुंबई में महालक्ष्मी रेसकोर्स का वह ख्यात-कुख्यात बिजनेसमैन है। लेकिन हकीकत में वह हमारे राजनेताओं और रसूखदार लोगों के लिए ऐसा घोड़ा है जिसकी पीठ पर सवार होकर इन्होंने अपनी अवैध कमाई स्विस बैंकों के गोपनीय खातों तक पहुंचाई है। आयकर विभाग हसन अली से पेनाल्टी समेत एक लाख करोड़ रुपए की मांग करनेवाला है, जिसमें 72,000 करोड़ रुपए चुराए गए टैक्सऔरऔर भी