कैबिनेट सचिव मुद्रास्फीति को नहीं मानते खतरा, मानता है रिजर्व बैंक

एक तरफ लगभग आम राय बन चुकी है कि मुद्रास्फीति को थामने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की पहली मध्य-तिमाही समीक्षा में नीतिगत ब्याज दरों को चौथाई फीसदी बढ़ा सकता है, वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार के नए कैबिनेट सचिव अजित कुमार सेठ मुद्रास्फीति को कोई खतरा नहीं मानते। उनका कहना है कि मुद्रास्फीति को लेकर ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं हैं।

सरकार का यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि नवीनतम आंकड़ों के अनुसार सकल मुद्रास्फीति की दर मई में बढ़कर 9.06 फीसदी पर चली गई है। इसी तरह खाद्य मुद्रास्फीति भी 28 मई को समाप्त सप्ताह में बढ़कर दो माह के उच्चतम स्तर 9.01 फीसदी पर आ गई।

अजित कुमार सेठ ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट से हुई बातचीत में कहा, ‘‘महंगाई की वर्तमान स्थिति खतरे वाली नहीं है। स्थिति पर सरकार की नजर है और वो जरूरत होने पर उचित कदम उठाएगी।’’ सेठ ने बुधवार को कृषि मंत्री शरद पवार से शिष्टाचार भेंट की। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि वे रिजर्व बैंक द्वारा गुरुवार को उठाए जानेवाले कदमों पर टिप्पणी नहीं करेंगे। वैसे भी अभी यह कहना कठिन होगा कि, “रिजर्व बैंक कल क्या करने वाला है।”

इस बीच विशेषज्ञों की आम राय है कि रिजर्व बैंक कीमतों पर नियंत्रण के लिए नीतिगत दरों में कम से कम 0.25 फीसदी की वृद्धि कर सकता है। इंडियन ओवरसीज बैंक के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक एम नरेंद्र ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि रिजर्व बैंक मुद्रास्फीतिक संभावनाओं पर अंकुश के लिए एक और कदम उठाएगा। बाजार ब्याज दरों में 0.25 फीसदी वृद्धि की उम्मीद कर रहा है।’’ उन्होंने कहा कि एक बात निश्चित है कि महंगाई संतोषजनक स्तर से उपर है। रिजर्व बैंक कई मौकों पर इस बारे में चिंता जता चुका है।

रिजर्व बैंक द्वारा पिछले महीने 2011-12 के लिए पेश सालाना नीति दस्तावेज में कहा गया था कि निकट भविष्य में महंगाई पर नियंत्रण मुख्य मुद्दा होगा। रिजर्व बैंक ने यह भी कहा था कि ऊंची मूल्यवृद्धि अंत में चलकर देश की आर्थिक वृद्धि को प्रभावित करेगी।

पंजाब एंड सिंध बैंक के कार्यकारी निदेशक पी के आनंद ने कहा, ‘‘महंगाई की स्थिति को देखते हुए आम सहमति है कि केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी करेगा।’’ आईडीबीआई बैंक के कार्यकारी निदेशक आर के बंसल ने कहा कि महंगाई के बढ़ते आंकड़ों की वजह से रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में वृद्धि की संभावना बनी है। ‘‘मुझे लगता है कि केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करेगा।’’

उधर अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के एक सर्वेक्षण के मुताबिक 22 में 13 विश्लेषक मानते हैं कि 2011 के बाकी बचे महीनों में रिजर्व बैंक ब्याज दरों को 0.75 फीसदी बढ़ा सकता है, जिसमें से 0.25 फीसदी की वृद्धि कल होनी निश्चित है। अभी रिजर्व बैंक ने रेपो दर 7.25 फीसदी रख रखी है। कल से इसके 7.50 फीसदी हो जाने की पक्की संभावना है। इसी के साथ रिवर्स रेपो दर को भी 6.25 फीसदी से बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया जाएगा। दिसंबर अंत तक रेपो दर 8 फीसदी और रिवर्स रेपो दर 7 फीसदी होने की संभावना है।

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