अमेरिका में ऋण-सीमा बढ़ाने का मुद्दा अब इतिहास बन चुका है। मूडीज ने बिना रेटिंग बदले अमेरिका को डाउनग्रेड कर दिया है। नतीजतन अमेरिकी बाजार कल धड़ाम हो गए। यह सब तो निपट गया। अब आगे क्या? अब आप अमेरिकी बाजार को लेकर क्या बहस करेंगे? क्या आप अब भी भारत में बेचते रहेंगे क्योंकि कौन जानता है कि अमेरिका का अगला डाउनग्रेड तीन महीने बाद ही हो जाए? ध्यान रखें कि अमेरिकी बाजार में भरपूर लोचऔरऔर भी

बीएसई सेंसेक्स 623 अंक उठा था तो हिचकी का आना लाजिमी था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम की चिंता में बाजार 128 अंक गिरकर खुला। फिर 157 अंक ऊपर चढ़ गया। और, फिर चौरस हो गया। इस बीच बाजार के स्वघोषित वित्त मंत्री (एनालिस्ट) बजट की मीनमेख निकालने में जुटे हैं। खासकर राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के बारे में उनका कहना है कि इसे हासिल नहीं किया जा सकता। ऐसी ही गलती सीएलएसए ने 2003औरऔर भी

बाजार के नामी उस्तादों में से शुमार, शंकर शर्मा भी यूको बैंक को खरीदने की सलाह देते सुने गए हैं। वैसे, यूको बैंक (बीएसई कोड – 532505, एनएसई कोड – UCOBANK) में बढ़ने की थोड़ी गुंजाइश भी नजर आ रही है। इस शेयर की बुक वैल्यू 72.65 रुपए है। शुक्रवार को यह 6.79 फीसदी की गिरावट के साथ 131.15 रुपए पर बंद हुआ है। ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस 18.29 रुपए है तो पी/ई अनुपात मात्रऔरऔर भी