बैंकों में बेस रेट की नई प्रणाली लागू होने में बस दो दिन बचे हैं। रिजर्व बैंक ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया है कि किसानों को बेस रेट से कम ब्याज पर ऋण दिए जा सकते हैं या नहीं। लेकिन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज, सोमवार को मुंबई में आयोजित एक समारोह में साफ कर दिया कि किसानों को 5 फीसदी ब्याज पर भी ऋण दिया जा सकता है जो जाहिर तौर पर किसी भीऔरऔर भी

हमारे देश में कुछ चीजें इतनी महीन तरीके से हो जाती हैं कि किसी को आभास ही नहीं होता कि इसमें कुछ गड़बड़ भी है। जैसे, बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना जारी कर तय कर दिया कि कंपनियों द्वारा जारी किए जानेवाले एक साल तक के अपरिवर्तनीय डिबेंचरों (एनसीडी) में न्यूनतम निवेश 5 लाख रुपए का होगा। इसके बाद यह निवेश एक-एक लाख करके बढ़ाया जा सकता है। हालांकि यह नियम एनसीडी के प्राइवेटऔरऔर भी

भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को देश के सभी बैंकों के शीर्ष अधिकारियों को भेजे गए सर्कुलर में बताया है कि 1 दिसंबर 2010 से चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) के तहत क्लियर होनेवाले किसी भी चेक में तारीख के अलावा कहीं भी कोई कट्टमकुट्टा नहीं चलेगा। अभी तक लोग पानेवाले के नाम से लेकर राशि तक बदलते रहे हैं। बस, जहां भी काटते थे, वहां अपना दस्तखत कर देते थे। लेकिन अब तारीख के अलावा कहीं भीऔरऔर भी

मई महीने में थोक मूल्य पर आधारित मुद्रास्फीति की दर भले ही 10.16 फीसदी हो गई हो। खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति 5 जून को बीते हफ्ते में 16.74 फीसदी से थोड़ा घटने के बावजूद भले ही 16.12 फीसदी पर हो। लेकिन मुद्रास्फीति के इस तरह दहाई अंकों में रहने की स्थिति को रिजर्व बैंक बहुत चौंकानेवाली बात नहीं मानता है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गर्वनर के सी चक्रबर्ती ने गुरुवार को मुंबई में आयोजित एक समारोह मेंऔरऔर भी

ग्रीस का संकट हमारे नीति-नियामकों को भी परेशान किए हुए है, लेकिन सभी एक स्वर से कहने में लगे हैं कि इसका भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पहले यह बात वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और वित्त सचिव अशोक चावला बोल चुके हैं। अब रिजर्व बैंक के गर्वरन डी सुब्बाराव ने भी कह दिया है कि ग्रीस संकट के चलते भारत के बाह्य क्षेत्र के सामने कोई समस्या नहीं आएगी। सुब्बाराव मंगलवार को पुणे में रिजर्व बैंकऔरऔर भी

देश की आबादी करीब 118 करोड़ हो चुकी है। लेकिन हमारे सभी बैंकों में कुल बचत खातों की संख्या केवल 15 करोड़ है। ऐसा तब है जबकि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा बैंकिंग तंत्र है जिसमें कुल करीब 79,000 शाखाएं व एटीएम वगैरह शामिल हैं। रिजर्व बैंक, नाबार्ड व राज्य सरकारों की तमाम कोशिशों के बाद 8.6 करोड़ घरों तक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के जरिए बैंकिंग सेवा को पहुंचाया गया है। देश भर में बचतऔरऔर भी

सिस्टम में तरलता की कमी का जरा-सा संकेत मिलते ही रिजर्व बैंक मैदान में उतर आया है। उसने तय किया है कि बैंक चल निधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत कभी भी रिजर्व बैंक से अपनी कुल जमा का 0.5 फीसदी हिस्सा उधार ले सकते हैं। साथ ही एलएएफ सुविधा बैंकों को अब दिन में एक के बजाय दो बार दी जाएगी। रिजर्व बैंक का ताजा फैसला शुक्रवार 28 मई, 2010 से लागू हो जाएगा। लेकिन उसनेऔरऔर भी

पहले सीधे पत्र आते थे। फिर ई-मेल आने लगे और अब एसएमएस भी आ रहे हैं जो बताते हैं कि आपने फलां देश की फलां लॉटरी जीत ली है या किसी अरबपति ने अपनी सारी जायदाद आपके नाम कर दी है। आपने उनके झांसे में आकर हां कर दी तो प्रोसेसिंग फीस वगैरह लेने का सिलसिला शुरू होता है जिसमें बाकायदा रिजर्व बैंक के बड़े अधिकारियों तक का नाम व पता बताया जाता है, उनके लेटरहेड परऔरऔर भी

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डॉ. डी सुब्बाराव का मानना है कि देश में बैंकिंग का कारोबार हिंदी या भारतीय भाषाओं के बिना नहीं किया जा सकता। उन्होंने बुधवार को 2008-09 के लिए रिजर्व बैंक राजभाषा शील्ड पुरस्कार वितरण समारोह में यह बात कही। उनका कहना था कि हम ग्राहकों तक उनकी अपनी भाषा में ही बात करके बेहतर बैंकिंग सेवाएं पहुंचा सकते हैं और हिंदी आम आदमी तक पहुंचने में बड़ी भूमिका निभा सकती है। उन्होंनेऔरऔर भी