आपको आश्चर्य नहीं होगा क्योंकि आप देखते ही नहीं। लेकिन जो भी देश के निर्यात आंकड़ों पर गौर कर रहा होगा, वह निश्चित रूप से आश्चर्य कर रहा होगा कि जब अमेरिका व यूरोप में आर्थिक संकट छाया हुआ है और हमारे 40 फीसदी निर्यात वहीं जाते हैं, तब हमारा निर्यात हर महीने इतनी छलांग क्यों लगाता जा रहा है? प्रमुख ब्रोकरेज फर्म कोटक सिक्यूरिटीज ने हाल ही जारी रिपोर्ट में विदेशी संस्थागत निवेश (एफआईआई) के आंकड़ोंऔरऔर भी

एक तो डॉलर के सापेक्ष रुपए के गिर जाने से निर्यातक पहले से ही गदगद थे। ऊपर से सरकार ने उन्हें ठीक दिवाली से पहले 1700 करोड़ रुपए का तोहफा दे दिया है। वाणिज्य मंत्रालय ने 900 करोड़ रुपए का प्रोत्साहन पैकेज घोषित किया है। इसके एक दिन पहले ही रिजर्व बैंक ने चुनिंदा निर्यातकों में कर्ज पर ब्याज दर में दो फीसदी रियायत देने की घोषणा की है। इन दोनों को मिलाकर निर्यात क्षेत्र को मिलाऔरऔर भी

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से सितंबर तक की छमाही में देश से हुआ निर्यात 160 अरब डॉलर रहा है। यह पिछले साल की समान अवधि से 52 फीसदी ज्यादा है। वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने राजधानी दिल्ली में बुधवार को मीडिया से बातचीत के दौरान यह जानकारी दी। हालांकि उन्होंने कहा कि ये मोटामोटी आंकड़े हैं। इसलिए अंतिम आंकड़े थोड़ा इधर-उधर हो सकते हैं। खुल्लर ने बताया कि अप्रैल-सितंबर 2011 के दौरान देश में हुआ आयातऔरऔर भी

वाणि‍ज्‍य, उद्योग और कपड़ा मंत्री आनंद शर्मा ने मंगलवार, 11 अक्‍तूबर 2011 को राजधानी दि‍ल्‍ली में व्‍यापार बोर्ड की बैठक बुलाई है। इस बैठक में निर्यात के लिए विशेष प्रोत्साहन घोषित किए जा सकते हैं। बैठक में जिन अहम मुद्दों पर चर्चा होनी है, उनमें देश का व्‍यापार परिदृश्‍य, वैश्विक व्‍यापार पर एक नजर, प्रति‍कूल परिदृश्‍य के खतरे को कम करने के उपायों पर नीति, प्रक्रिया को सरल बनाने और वाणि‍ज्‍य मंत्रालय द्वारा पेश रणनीति‍क दस्‍तावेज प्रमुखऔरऔर भी

यूरोप व अमेरिका में भले ही वित्तीय व आर्थिक संकट चल रहा हो, लेकिन भारत के निर्यात के बढ़ते जाने का कमाल जारी है। देश का निर्यात कारोबार पिछले कई माह से बढ़ता रहा है और अगस्त में भी साल भर पहले की तुलना में 44.25 फीसदी बढ़कर 24.31 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस दौरान आयात भी साल भर पहले मुकाबले 41.82 फीसदी बढकर 38.35 अरब डॉलर रहा। इस तरह अगस्त में व्यापार घाटा (आयात से निर्यातऔरऔर भी

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में छा रही सुस्ती और कुछ यूरोपीय देशों में ऋण संकट के बावजूद देश के निर्यात में अगस्त महीने के दौरान उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इस बार अगस्त महीने में निर्यात सालाना आधार पर 44.2 फीसदी बढ़कर 24.3 अरब डॉलर रहा है। वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने शुक्रवार को इन आंकड़ों को जारी होने के बाद संवाददाताओं को बताया कि लौह अयस्क को छोड़कर इंजीनियरिंग, रसायन व कपड़ा समेत अन्य सभी क्षेत्रों केऔरऔर भी

अंतरराष्ट्रीय व्यापार में दोहा दौर की बातचीत को विफल नहीं होने दिया जाएगा। यह दावा किया है कि वाणि‍ज्‍य, उद्योग व कपड़ा मंत्री आनन्‍द शर्मा ने। उन्होंने सोमवार को राजधानी दिल्ली में रीजनल ट्रेड पॉलि‍सी कोर्स 2011 के उद्घाटन समारोह में यह बात कही। उन्‍होंने वार्ताओं के इस इस दौर के वि‍कासपरक पक्ष पर जोर देते हुए कहा कि‍ बातचीत की शर्तों को बदला नहीं जा सकता। भारत वि‍कासशील देशों के लोगों के क्षमता नि‍र्माण के लि‍एऔरऔर भी

देश के निर्यात में जुलाई माह के दौरान 81.8 फीसदी की जोरदार वृद्धि दर्ज की गई है और यह 29.3 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने राजधानी दिल्ली में गुरुवार को मीडिया को यह जानकारी दी। जुलाई में आयात 51.5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 40.4 अरब डॉलर का रहा है। माह के दौरान व्यापार घाटा 11.1 अरब डॉलर का रहा। खुल्लर का कहना था कि निर्यात का प्रदर्शन अच्छा रहा है। लेकिनऔरऔर भी

भारत जापान से मंगाए डीजल इंजिन और गियर बॉक्स पर आयात शुल्क की दरों में भारी कटौती करेगा। ऐसा दोनों देशों के बीच हुए नए समझौते के तहत किया जाएगा। भारत और जापान के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी का नया समझौता (सीईपीए) सोमवार, 1 अगस्त 2011 से ही लागू हुआ है। समझौते के अनुसार जापान से आयातित डीजल इंजिन पर शुल्क को अगले छह साल में मौजूदा 12.5 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया जाएगा, वहींऔरऔर भी

केंद्र सरकार ने मुकेश अंबानी द्वारा प्रवर्तित नवी मुंबई एसईजेड या सेज को पांच आर्थिक क्षेत्रों में बांटने का अनुरोध पर निर्णय टाल दिया है। मंजूरी बोर्ड (बोर्ड ऑफ एप्रूवल) ने इस संबंध में कंपनी और ब्यौरा मांगा गया है। मंगलवार को राजधानी दिल्ली में वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर की अध्यक्षता में मंजूरी बोर्ड की एक बैठक हुई, जिसमें इस मुद्दे पर विचार किया गया। खुल्लर ने कहा, ‘‘ इस मुद्दे पर अधिकारियों की एक समिति द्वाराऔरऔर भी