भारतीय रेल के पास दुनिया में अमेरिका, रूस व चीन के बाद चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है। उसका जाल 65,000 किलोमीटर लम्बाई में फैला है जिस पर उसने 1,14,500 किलोमीटर पटरियां बिछा रखी हैं। वह लगभग 10,500 ट्रेनें चलाती है जिनसे हर दिन करीब तीन करोड़ यात्री सफर करते हैं और 28 लाख टन माल आता-जाता है। रेलवे की आय का करीब 70 फीसदी हिस्सा मालभाड़े से आता है। बाकी 30 फीसदी में यात्री किराए से लेकरऔरऔर भी

करीब हफ्ते भर पहले ही खबर आई थी कि हर दिन करीब तीन करोड़ से ज्यादा यात्रियों को ढोनेवाली भारतीय रेल ने पिछले कई सालों से अपना बीमा नहीं करा रखा है और आये-दिन होनेवाली दुर्घटनाओं की भरपाई अपनी जेब से करती है। अब पता चला है कि मुंबई में आतंकवादी हमले का शिकार हुए ओपेरा हाउस व झावेरी बाजार के करीब एक-चौथाई हीरा व आभूषण व्यापारियों ने भी अपना बीमा नहीं करा रखा है। बॉम्बे बुलियनऔरऔर भी

भारतीय रेल 157 साल पुरानी है। देश के कुल 1083 स्टेशनों को जोड़ती है। हर दिन 2.20 करोड़ लोग इससे सफर करते हैं और 25 लाख टन माल ढोया जाता है। 2004-05 में हर दिन चलनेवाली ट्रेनों की संख्या 16,021 और पूरे साल में यात्रियों की संख्या 538 करोड़ थी। 2009-10 में कुल यात्रियों की संख्या 720 करोड़ और प्रतिदिन चलनेवाली ट्रेनों की संख्या 18,820 हो गई। यानी, औसत की बात करें कि देश की पूरी आबादीऔरऔर भी

एयरलाइन कंपनियों को उड़ान के रद्द होने या यात्रा की अनुमति नहीं दिए जाने के कारण यात्रियों को हुई असुविधा के लिए उन्हें नवंबर महीने में 49.66 करोड़ रुपए का मुआवजा देना पड़ा है। यह जानकारी सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई गई है। जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार अंतिम समय में उड़ान रद्द होने के कारण 7500 यात्रियों को 33.46 लाख रुपए दिए गए, वहीं टिकट होने के बावजूद विमान में चढ़ने की अनुमति नहीं देनेऔरऔर भी