भारत और यूरोपीय संघ के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते पर मतभेद का संकेत देते हुए वाणिज्य व उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा है कि ‘अच्छे से अच्छा भविष्यवक्ता भी इसके पूरा होने की समयसीमा नहीं बता सकता।’ उन्होंने बस इतनी उम्मीद जताई कि यह जल्दी पूरा हो जाएगा। भारत अपने सबसे बड़े कारोबारी सहयोगी यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के जरिए वस्तु, सेवा व निवेश के क्षेत्र में व्यापार उदार बनाने केऔरऔर भी

भारत ने भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र समझौते या कनवेंशन का अनुमोदन कर दिया है। अनुमोदन की यह प्रक्रिया सितंबर 2010 से ही चल रही थी और अब इसे मंत्रियों के एक समूह की देखरेख में पूरा कर दिया गया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को काबुल यात्रा पर रवाना होने से पहले जारी एक बयान में यह जानकारी दी है। बयान में कहा गया है, “भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र समझौते को लागू करने सेऔरऔर भी

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयानों से आहत कर्नाटक के लोकायुक्त न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े ने अण्णा हज़ारे की अगुवाई में भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन में शामिल सामाजिक कार्यकर्ताओं के आग्रह को स्वीकार करते हुए लोकपाल विधेयक मसौदा समिति में बने रहने का फैसला किया है। पहले उन्होंने कहा था कि वे सोमवार को यह संयुक्त समिति छोड़ने की घोषणा कर सकते हैं। उधर, लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए गठित मसौदा समिति मेंऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आगाह किया है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त करने का जनता के सब्र का बांध अब टूट चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार इस दुराचार की चुनौती से सख्ती से निपटने को प्रतिबद्ध है क्योंकि जनता इसके खिलाफ तुरत और कठोर कार्रवाई चाहती है। गुरुवार को उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से संसद के मानसून सत्र में भ्रष्टाचार की नकेल कसने के लिए चर्चित लोकपाल विधेयक पेश कर दिए जाने की उम्मीद है।औरऔर भी

आर्थिक सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए भारत, चीन, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) एक दूसरे को अपनी स्थानीय मुद्रा में कर्ज और अनुदान के लेनदेन पर सहमत हो गए हैं। ब्रिक्स देशों के बीच इस आशय के एक समझौते में चीन के शहर सान्या में हस्ताक्षर किए गए। इस पहल को अमेरिकी मुद्रा डॉलर पर निर्भरता और उसके वर्चस्व को घटाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। समझौतेऔरऔर भी

वैश्विक स्तर पर जारी अनिश्चितता से आर्थिक वृद्धि के परंपरागत स्रोतों पर दबाव बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ममनमोहन सिंह ने इस बढ़ते दबाव को लेकर सतर्क करते हुए कहा है कि पांच देशों के संगठन ब्रिक्स को विकास के प्रमुख क्षेत्रों में समन्वय करना जरूरी है और यह सारी दुनिया के लिए लाभकारी होगा। बता दें कि ब्रिक्स देशों में शामिल पांच देश हैं – ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका। इन पांचों देशों की अर्थव्यवस्थाऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अण्णा हजारे का खुला पत्र। भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने आंदोलन पर कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार की प्रतिकूल टिप्पणियों ने सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे को आहत कर दिया है। इसके बाद उन्होंने बुधवार, 6 अप्रैल को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम दो पन्नों का एक खुला पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री ने गुजारिश की है कि वे आंदोलन में दोष निकालने और इसके पीछे किसी साजिश के संदेह से बचें। उनका कहना है किऔरऔर भी

पूरे देश में अपनी निष्ठा और ईमानदारी के लिए मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे भ्रष्टाचार निरोधी लोकपाल विधेयक का स्वरूप तय करने में सामाजिक संगठनों को शामिल किए जाने और इनकी तरफ से तैयार किए गए जन लोकपाल विधेयक को स्वीकार करने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठ गए। हजारे आज, मंगलवार को सुबह नौ बजे महात्मा गांधी की समाधि राजघाट गए। उसके बाद वे इंडिया गेट तक जाने के बाद जंतर-मंतर आ गए औरऔरऔर भी

चालू रबी खरीद सीजन में गेहूं खरीद को सुनियोजित तरीके से आगे बढाने के मकसद से सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के लिए 5000 करोड़ रुपए के अल्पकालिक ऋण की मंजूरी दी है। यह ऋण वर्ष 2010-11 की उसकी कार्यशील पूंजी जरूरतों को पूरा करने के लिए दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को राजधानी दिल्ली में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को हरीऔरऔर भी

स्टैंप ड्यूटी का ज्यादा होना देश के रीयल एस्टेट क्षेत्र में काले धन के पैदा होने का बड़ा कारण है। यह कहना देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का। उनके मुताबिक रीयल एस्टेट सौदों में पारदर्शिता लाने की राह में स्टैंप ड्यूटी बहुत बड़ी बाधा है और इस क्षेत्र में काले धन को आने से रोकने के लिए ऐसे शुल्क की दरों को कम करना जरूरी है। राजधानी दिल्ली में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में प्रधानमंत्री ने कहा,औरऔर भी