बौद्धिक संपदा के मामले में हैदराबाद की दवा कंपनी सुवेन लाइफ साइंसेज बड़ी समृद्ध कंपनी है। वह बायोफार्मा कंपनी है। सीधे बाजार में नहीं, बल्कि नई-नई दवाएं खोजकर उनके व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए दुनिया भर की कंपनियों को बेचती है। वह खोजे गए नए-नए रासायनिक यौगिकों के पेटेंट लेती रहती है। पिछले ही महीने उसे ऑस्ट्रेलिया व कनाडा से चार उत्पादों के पेटेंट मिले हैं। ये उत्पाद अल्ज़ाइमर, अटेंशन डेफिसिएंट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर, पार्किन्सन, सिज़ोफ्रेनिया व हटिंग्टनऔरऔर भी

बहुत-सी दवा कंपनियों के शेयर मूल्यांकन के लिहाज से इस समय सातवें आसमान पर चढ़े हुए हैं। मसलन, रैनबैक्सी अभी 92.88 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। इसी तरह एब्बट इंडिया 34.65, सिप्ला 24.77, ल्यूपिन 24, सनफार्मा 26.81 और डॉ. रेड्डीज लैब 23.22 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। ये सभी लार्ज कैप कंपनियां हैं। हालांकि पिरामल हेल्थकेयर भी लार्ज कैप कंपनी है। फिर भी उसका शेयर 13.18 के पी/ई पर ट्रेड होऔरऔर भी

कहने को अलेम्बिक लिमिटेड 104 साल पुरानी 30 जुलाई 1907 को बनी भारतीय दवा कंपनी है। ललित मोदी की जगह आईपीएल के चेयरमैन व कमिश्नर बने चिरायु अमीन इसके सीएमडी हैं। एक संयंत्र वडोदरा (गुजरात) तो दूसरा संयंत्र बड्डी (हिमाचल प्रदेश) में है। दुनिया के लगभग 75 देशों में उसकी पहुंच है। कल उसने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजे घोषित किए हैं। इनके मुताबिक जून 2011 में खत्म तिमाही में उसने 39.55 करोड़ रुपएऔरऔर भी

नोवार्टिस फार्मा क्षेत्र की बहुराष्ट्रीय कंपनी है। इंसानों से लेकर जानवरों तक की दवाएं बनाती है। 1996 में सीबा-गेगी और सैंडोज के विलय के बाद वजूद में आई। इसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के शहर बासेल में है। अभी कल ही मशहूर फॉर्च्यून पत्रिका में इसे दवा कारोबार में दुनिया की सबसे पसंदीदा कंपनियों में पहले नंबर पर रखा है। लेकिन इसकी भारतीय इकाई नोवार्टिस इंडिया के शेयरों पर खास चमक नहीं आई। कारण वाजिब भी लगता है क्योंकिऔरऔर भी

इंडोको रेमेडीज ने हफ्ते भर पहले दूसरी तिमाही के नतीजे घोषित किए हैं और ये नतीजे उम्मीद के बेहतर रहे हैं। यही वजह है कि पिछले पांच कारोबारी सत्रों में उसका शेयर 430.10 रुपए से बढ़कर 519.90 रुपए तक जा चुका है। हालांकि कल बीएसई में बंद हुआ 505.50 रुपए पर। इस तरह चंद दिनों में यह शेयर करीब 20 फीसदी की बढ़त ले चुका है। आईसीआईसीआई सिक्यूरिटीज की रिसर्च रिपोर्ट कहती है कि यह शेयर आरामऔरऔर भी

ग्रेन्यूल्स इंडिया के बारे में तकनीकी विश्लेषक बताते हैं कि उसमें लंबी व मध्यम अवधि (तीन महीने से लेकर साल भर) का ‘बुलिश’ रुख है और यह बढ़कर 121 रुपए तक जा सकता है। कल यह 1.97 फीसदी बढ़कर 103.30 रुपए पर बंद हुआ है। ग्रेन्यूल्स इंडिया हैदराबाद स्थित दवा कंपनी है। पहले कंपनियों को दवाओं के अवयव (एपीआई) और फॉर्मूलेशन के मध्यवर्ती उत्पाद (पीएफआई) ही बनाकर सप्लाई करती थी। अब पूरी तरह तैयार दवाएं भी बनानेऔरऔर भी

ऑर्किड केमिकल्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के धंधे में बराबर बरक्कत हो रही है। चालू वित्त वर्ष में जून 2010 की पहली तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 172 फीसदी बढ़ा है। इधर कंपनी का शेयर भी पिछले करीब एक महीने से धीरे-धीरे बढ़ रहा है। 30 अगस्त को 187.40 रुपए था। 27 सितंबर तक 213.10 रुपए पर पहुंच गया। लेकिन कल 28 सितंबर को 1.01 फीसदी गिरकर 210.95 रुपए पर बंद हुआ है। शेयर बीएसई (कोड – 534372)औरऔर भी