विश्व बैंक के मुताबिक बिजनेस करने की सहूलियत के बारे में दुनिया के 183 देशों में भारत का 132वां नंबर है। एक साल पहले 2011 में यह रैंकिंग इससे भी सात पायदान नीचे 139 पर थी। कमाल है, भ्रष्टाचार के मामलों के खुलने के बाद देश की रैंकिंग चढ़ गई! खैर, दुनिया में फिलहाल बिजनेस करने की सहूलियत को लेकर सिंगापुर पहले नंबर पर है। चीन, ब्राजील या रूस को तो छोड़िए, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका व नेपालऔरऔर भी

बाजार का रुझान तो बुधवार को ही बदलने लगा था क्योंकि ज्यादातर ट्रेडरों ने मंदी का नजरिया पकड़ लिया था। यहां तक कि मैंने भी 5277 के नीचे जाने पर बाजार के गिरने की धारणा पाल ली थी। लेकिन हमारी टीम के ही दूसरे सदस्यों ने कहा कि बेचो मत, बाजार ओवरसोल्ड अवस्था में पहुंच चुका है और बहुत तेजी से 5600 तक पहुंच जाएगा। आज मैं उनकी समझ व दृष्टि की दाद देता हूं। सभी लोगऔरऔर भी

यूरो ज़ोन अब ऋण संकट के साथ-साथ रिकॉर्ड बेरोजगारी, घटते औद्योगिक उत्पादन और बढ़ती महंगाई से भी परेशान हो गया है। यूरोप के सांख्यिकी कार्यालय यूरोस्टैट के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक यूरो ज़ोन में बेरोजगारी की दर जनवरी में अचानक बढ़कर 10.7 फीसदी हो गई। ऋण संकट से बुरी तरह घिरे स्पेन में बेरोजगारी की दर 23.3 फीसदी हो गई है जो पूरे यूरो ज़ोन में सबसे ज्यादा है। ऑस्ट्रिया की हालत सबसे अच्छी है। लेकिन वहांऔरऔर भी

ग्रीस की संसद ने अवाम के विरोध प्रदर्शन के बावजूद सरकारी खर्च में भारी कटौती का मितव्ययिता पैकेज मंजूर कर लिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और यूरोपीय संघ ने शर्त लगा रखी है कि इस प्रस्ताव को मंजूर करने पर ही ग्रीस को 130 अरब यूरो (170 अरब डॉलर) की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस सिलसिले में बुधवार को यूरो ज़ोन के वित्त मंत्रियों की एक और बैठक ब्रसेल्स में होने जा रही है। ग्रीस की संसदऔरऔर भी

यूरो ज़ोन के देशों के वित्त मंत्रियों ने ग्रीस के उद्धार के लिए तीन शर्तें लगा दी हैं। गुरुवार को ब्रसेल्स में ग्रीस के वित्त मंत्री के साथ यूरो ज़ोन के बाकी 16 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में तय किया गया है कि इन शर्तों को पूरा करने पर ही ग्रीस को आर्थिक संकट से उबरने लिए 130 अरब यूरो (170 अरब डॉलर) की आर्थिक मदद मिलेगी। लेकिन इसके विरोध में ग्रीस की यूनियनों सेऔरऔर भी

कई हफ्तों से चल रही बातचीत के बाद यूरोपीय संघ ने आखिरकार ईरान के तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला कर लिया। यूरोपीय संघ के फैसले के बाद 27 देश तुरंत ईरान का तेल खरीदना बंद कर देंगे। सोमवार को ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक के बाद एक अधिकारी ने कहा, “तेल प्रतिबंध लगाने पर राजनीतिक सहमति हो गई है।” बैठक में यूरोपीय संघ के 27 देशों के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया।औरऔर भी

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल  ने कहा है कि ग्रीस को तब तक नई सहायता नहीं दी जा सकती, जब तक वो पिछली सहायता के इस्तेमाल में वाजिब प्रगति नहीं दिखाता। सोमवार को फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी के साथ बैठक के बाद बर्लिन में आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मैर्केल ने यह बात कही। उन्होंने बताया कि कल, मंगलवार को वे ग्रीस के संकट पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टीन लैगार्ड से बातचीत करनेवालीऔरऔर भी

यूरोप के दो संकटग्रस्त देशों में हुए नए घटनाक्रम ने दुनिया के बाजारों में नया उत्साह भर दिया है। जहां ग्रीस में शुक्रवार को लुकास पापाडेमॉस ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले ली, वहीं इटली में संसद के ऊपरी सदन सीनेट ने लंबे समय से अधर में लटके आर्थिक सुधार पैकेज को मंज़ूरी दे दी। पापाडेमॉस के नेतृत्व में ग्रीस की नई अंतरिम गठबंधन सरकार यूरोपीय देशों की ओर ग्रीस को मिलने वाली आर्थिक मददऔरऔर भी

यूरोप में संकट में फंसी सरकारों के ऋण का बड़ा हिस्सा ऐसे लोगों या संस्थाओं ने दे रखा है, जो विदेशी हैं और उस देश में नहीं रहते। विदेशियों द्वारा दिए गए कर्ज का हिस्सा इटली सरकार के कुल ऋण में 44.4%, ग्रीस के ऋण में 57.4% व पुर्तगाल सरकार के ऋण में 60.5% है। इसमें यूरोपीय सेंट्रल बैंक का दिया ऋण शामिल नहीं हैं। यहां तक कि फ्रांस की सरकार के ऋण का भी 62.5% हिस्साऔरऔर भी

यूरोप में गहराते ऋण-संकट के बीच फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी ने कहा है कि 2001 में ग्रीस को यूरोजोन में शामिल करना बड़ी गलती थी क्योंकि उस वक्त ग्रीस की अर्थव्यवस्था साझा मुद्रा समूह के लिए तैयार नहीं थी। गुरुवार को जब एक टीवी इंटरव्यू के दौरान सारकोजी से यूरोजोन बनने के दो साल के भीतर ही ग्रीस को इसमें शामिल किए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “यह एक गलती थी। उसकी अर्थव्यवस्थाऔरऔर भी