यूरोप में गहराते ऋण-संकट के बीच फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी ने कहा है कि 2001 में ग्रीस को यूरोजोन में शामिल करना बड़ी गलती थी क्योंकि उस वक्त ग्रीस की अर्थव्यवस्था साझा मुद्रा समूह के लिए तैयार नहीं थी।
गुरुवार को जब एक टीवी इंटरव्यू के दौरान सारकोजी से यूरोजोन बनने के दो साल के भीतर ही ग्रीस को इसमें शामिल किए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “यह एक गलती थी। उसकी अर्थव्यवस्था तैयार नहीं थी।” सारकोजी ने इस इंटरव्यू में यूरोजोन के संकट से निपटने के लिए बनाई योजना पर विस्तार से बात की। गुरुवार को ब्रसेल्स में इस योजना पर सहमति बनी है।
सारकोजी ने यूरो जोन में ग्रीस के प्रवेश पर साफ साफ कहा, “यह एक गलती थी क्योंकि ग्रीस ने झूठे आर्थिक आंकड़ों की बुनियाद पर प्रवेश किया। वह कतई तैयार नहीं था।” वैसे, सारकोजी की सफाई खासकर फ्रांसीसी मतदाताओं के लिए थी क्योंकि उन्हें छह महीने बाद फिर से राष्ट्रपति चुनावों का सामना करना है। सारकोजी ने ग्रीस के कर्ज संकट को लेहमान ब्रदर्स संकट से जोड़ा और कहा कि अगर ग्रीस की मदद के लिए रास्ता तैयार नहीं किया जाता तो इससे यूरो जोन और विश्व अर्थव्यवस्था मुश्किल में घिर जाती।
सारकोजी कहते हैं, “अगर ग्रीस दिवालिया हो जाता तो इसका दूसरी जगह भी असर पड़ता और उससे हर कोई प्रभावित होता। पूरे यूरो जोन के जोखिम को कम किया गया है।” ब्रसेल्स में दो दिन तक चली शिखर बैठक के बाद सारकोजी, जर्मन चासंलर अंगेला मैर्केल और यूरो जोन के अन्य नेताओं के वित्तीय संस्थानों के साथ हुए समझौते के तहत ग्रीस के कर्ज को 100 अरब यूरो कम करने पर सहमति हुई। साथ ही बैंकों को 50 फीसदी घाटा उठाने के लिए राजी कर लिया गया है।