कर्मचारी भविष्य निधि कोष संगठन (ईपीएफओ) के नए कोष प्रबंधकों की नियुक्ति पर फैसला नहीं हो पाने के बीच संगठन ने तय किया है कि फिलहाल अगले तीन महीने तक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अकेले ही 3.5 लाख करोड़ रुपए के भविष्य निधि कोष का प्रबंधन देखेगा। राजधानी दिल्ली में बुधवार को भविष्य निधि संगठन के ट्रस्टियों की हुई बैठक में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया कि मौजूदा तीन अन्य कोष प्रबंधकों, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, एचएसबीसीऔरऔर भी

इस साल कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर मिलनेवाले 1 फीसदी अतिरिक्त ब्याज पर कोई इनकम टैक्स नहीं लिया जाएगा। श्रम व रोजगार मंत्री हरीश रावत ने सोमवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि इस आय को इनकम टैक्स से मुक्त रखा गया है। बता दें कि चालू वित्त वर्ष 2010-11 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ट्रस्टी बोर्ड ने 8.5 फीसदी की जगह 9.5 फीसदी ब्याज देने का निर्णय लिया है। इसकेऔरऔर भी

सरकार ने 15 सितंबर 2010 को तय किया था कि 1 अप्रैल 2011 ने कर्मचारियों के उन भविष्य निधि (ईपीएफ) खातों पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा जिनमें तीन साल से कोई रकम नहीं जमा की गई है। अब वह इन खातों को बंद करने जा रही है। ऐसे निष्क्रिय खातों की संख्या करीब तीन करोड़ है और इनमें 15,415 करोड़ रुपए पड़े हुए हैं। इन्हें बंद करने से जहां उसे यह रकम मुफ्त में मिल जाएगी,औरऔर भी