ईपीएफ का धन अकेले एसबीआई के जिम्मे

कर्मचारी भविष्य निधि कोष संगठन (ईपीएफओ) के नए कोष प्रबंधकों की नियुक्ति पर फैसला नहीं हो पाने के बीच संगठन ने तय किया है कि फिलहाल अगले तीन महीने तक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अकेले ही 3.5 लाख करोड़ रुपए के भविष्य निधि कोष का प्रबंधन देखेगा।

राजधानी दिल्ली में बुधवार को भविष्य निधि संगठन के ट्रस्टियों की हुई बैठक में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया कि मौजूदा तीन अन्य कोष प्रबंधकों, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, एचएसबीसी और रिलायंस कैपिटल को भी तीन महीने का विस्तार दिया जाना चाहिए। बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक सहित ये तीनों अन्य कोष प्रबंधक मिलकर अब तक ईपीएफओ के साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए के कोष का प्रबंधन कर रहे थे।

इन कोष प्रबंधकों का कार्यकाल गुरुवार, 31 मार्च 2011 को समाप्त होने जा रहा है। इसके बाद एक अप्रैल से अगले तीन वित्त वर्ष के लिए नए कोष प्रबंधकों की नियुक्ति होनी है। श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाले केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड (सीबीटी) ने फिलहाल अंतरिम व्यवस्था के तहत यह निर्णय किया है। ईपीएफओ को अभी नए कोष प्रबंधकों को नियुक्त करने की प्रक्रिया पूरी करनी है।

श्रम मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘‘ईपीएफओ की शीर्ष संस्था केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड ने यह फैसला किया है कि अंतरिम व्यवस्था के तहत तीन महीने के लिए स्टेट बैंक अकेले ही पूरे भविष्य निधि कोष का प्रबंधन करेगा।’’ यह व्यवस्था एक अप्रैल से 30 जून 2011 तक के लिए लागू रहेगी।

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