केंद्रीय मंत्रिमंडल घरेलू एयरलाइन कंपनियों में विदेशी एयरलाइंस की इक्विटी हिस्सेदारी देने के मसले पर अगले हफ्ते विचार करेगा। इस पर आज, गुरुवार को विचार होना था। लेकिन अब इसे अगले हफ्ते के लिए टाल दिया है। यह जानकारी खुद नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने दिल्ली में मीडिया को दी। अभी का नियम यह है कि भारतीय एयरलाइन कंपनियों में 49 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हो सकता है। लेकिन विदेशी एयरलाइंस इनमें निवेश नहीं करऔरऔर भी

सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया में विनिवेश की संभावनाओं से इनकार किया है और कहा है कि धन की तंगी से जूझ रही इस कंपनी को घाटे से उबारने का प्रयास किया जा रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्री व्यालार रवि ने गुरुवार को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अवसर पर कहा, “एयर इंडिया में विनिवेश की कोई योजना नहीं है और न ही निकट भविष्य में कंपनी का कोई प्रारम्भिक पब्लिक इश्यू (आईपीओ)औरऔर भी

नियंत्रक व महालेखापरीक्षक (कैग) ने कृष्णा गोदावरी बेसिन में पूरा का पूरा डी-6 ब्लॉक रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास छोड़ने के लिए पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय की खिंचाई की है और कहा है कि यह कंपनी के साथ उत्पादन में हिस्सेदारी के अनुबंध (पीएससी) के विरुद्ध है। यह बातें कैग ने हाइड्रोकार्बन पीएससी पर गुरुवार को संसद को सौंपी अपनी अंतिम रिपोर्ट में कही हैं। लेकिन इसमें डी-6 ब्लॉक पर रिलायंस द्वारा 2004 के प्रस्तावित 2.4 अरबऔरऔर भी

संकटग्रस्त विमानन कंपनी एयर इंडिया का पुनर्गठन किया जा रहा है और सरकार कंपनी में अतिरिक्त इक्विटी के तौर पर 1200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। यह कहना है प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का। यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली सालगिरह पर मंगलवार को जारी रिपोर्ट में प्रधानमंत्री ने कहा है कि एयर इंडिया चलाने वाली नेशनल एविएशन कंपनी आफ इंडिया (नासिल) का पुनर्गठन किया जा रहा है और सरकार ने कंपनी में 2000 करोड़ रुपए केऔरऔर भी