बीमा नियामक संस्था, आईआरडीए (इरडा) ने अपनी आईटी परियोजना के लिए इनफोसिस और महिन्द्रा सत्यम सहित चार आईटी फर्मो को छांटा है। प्रभावी पर्यवेक्षण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इरडा ने अपनी बिजनेस एनालिटिक्स परियोजना (बीएपी) के वास्ते आईटी कंपनियों से निविदा आमंत्रित की थी। इस परियोजना के तहत बीमा कंपनियों व नियामकीय निर्णय प्रक्रिया के विश्लेषण के लिए आवश्यक आंकड़े व सूचना उपलब्ध कराई जाएगी। इरडा द्वारा जिन दो अन्य आईटी कंपनियों को छांटाऔरऔर भी

यह कोई अप्रैल फूल की बात नहीं है। बाजार जब 5200 पर था, तभी मुझे यकीन था कि यह 6000 की तरफ बढ़ेगा और इसने ऐसा कर दिखाया। मार्च काफी घटनाप्रधान महीना रहा, जब बजट और जापान ने बाजार को घेरे रखा। बजट ने माहौल बनाया तो जापान की आपदा ने शॉर्ट के सौदागरों को खेलने का मौका दे दिया। लेकिन बाजार जब अपना रुख पलटकर 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) के पार चला गया तोऔरऔर भी

देश की दस सबसे मूल्यवान कंपनियों में से छह के बाजार पूंजीकरण में पिछले हफ्ते 21,720.56 करोड़ रुपए की कमी आई। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) सबसे ज्यादा नुकसान में रही। सप्ताह के दौरान ओएनजीसी का बाजार पूंजीकरण 9,796.02 करोड़ रुपए घटकर 2,30,869.63 करोड़ रुपए पर आ गया। सॉफ्टवेयर कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के बाजार पूंजीकरण में सप्ताह के दौरान 6,481.81 करोड़ रुपए की गिरावट आई और यह घटकर 1,68,880.27 करोड़ रुपए रह गया।औरऔर भी

बाजार में कल 337 अंक के तेज सुधार के बाद मंदड़ियों की तरफ से बिकवाली का आना लाजिमी था। फिर इनफोसिस के नतीजे भी चौंकानेवाले नहीं निकले। 30-32 के पी/ई अनुपात पर अगर आप इनफोसिस द्वारा बाजार को पीछे छोड़ देने की बात सोचते हैं तो यह भारत की दूसरे नबंर की आईटी कंपनी से वाकई कुछ ज्यादा ही अपेक्षा करना हो जाएगा। हालांकि निवेशकों का एक वर्ग इस स्टॉक को तब तक पसंद करता रहेगा जबऔरऔर भी

बाजार में अभी चली गिरावट का माहौल बहुत सारी वजहों ने बनाया था। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, राष्ट्रमंडल खेलों का भ्रष्टाचार, संसद में गतिरोध, कोरिया का झगड़ा, आयरलैंड का ऋण संकट और इसके ऊपर से रीयल्टी सेक्टर को लोन देने में बैंकों व वित्तीय संस्थाओं के आला अफसरों की घूसखोरी। लेकिन मुझे लगता है कि बाजार इन मसलों को लेकर कुछ ज्यादा ही बिदक गया। वैसे, अच्छी बात यह है कि ज्यादा धन या लिक्विडिटी के प्रवाह केऔरऔर भी

अपने मुंह मियां मिठ्ठू बनना आसान है। लेकिन अपने बारे में खबर लिखना बहुत मुश्किल है। खबर तो दूसरों को आपके बारे में लिखनी चाहिए। लेकिन आज की अगड़म-बगड़म और शोर-शराबे में खबर लिखनेवाले इतने उलझे हैं कि वे ज्यादा मिर्च, ज्यादा नमक और ज्यादा चीनी खाकर बेस्वाद हो चुकी जीभ को तर करनेवालों को भी मात देने लगे हैं। इसलिए अपनी खबर आप तक पहुंचाना मेरा फर्ज और मजबूरी दोनों बन जाता है। वैसे, भी आजऔरऔर भी

देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी इनफोसिस टेक्नोलॉजीज के संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति ने सवाल उठाया है कि चीन ने अपनी सस्ती मैन्यूफैक्चरिंग के दम पर दुनिया के तमाम देशों में औसत नौकरियों के मौके खत्म कर दिए है, लेकिन उसके खिलाफ कहीं शोर नहीं होता। जबकि भारत ने आउटसोर्सिंग के काम से नौकरियों के सीमित अवसर ही खत्म किए हैं, लेकिन भारत के खिलाफ खूब हल्ला मचाया जा रहा है। नारायण मूर्ति मंगलवारऔरऔर भी

टीसीएस (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी इनफोसिस टेक्नोलॉजीज ने नए कर्मचारियों की नियुक्ति की मुहिम तेज कर दी है। उसने इस वित्त वर्ष में जून-सितंबर की दूसरी तिमाही में 14,264 नए कर्मचारी भर्ती किए हैं। लेकिन इस दौरान उसके 6618 कर्मचारी छोड़कर चले गए। इसलिए कर्मचारियों की संख्या में वास्तविक इजाफा 7646 का ही हुआ। इसे मिलाकर 30 सितंबर तक इनफोसिस के कुल कर्मचारियों की संख्या 1,22,468 हो गई है।औरऔर भी

एमको इंडिया केवल बीएसई (कोड – 530133) में लिस्टेड है। दस रुपए अंकित मूल्य का शेयर कल 2.99 फीसदी गिरकर 43.85 रुपए पर बंद हुआ है। पिछले 52 हफ्तों में इसका उच्चतम स्तर 47.75 रुपए (5 मई 2010) और न्यूनतम स्तर 21.10 रुपए (4 नवंबर 2009) रहा है। उसका ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 4.87 रुपए है और उसका शेयर 8.98 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। लेकिन इसकी बुकऔरऔर भी

मैं ये दावा तो नहीं करता कि मैं सब कुछ समझता हूं। लेकिन इतना तय है कि मैं खुद को सर्वश्रेष्ठ होनेवाले का दावा करनेवाले तमाम एनालिस्टों से बेहतर समझता हूं। जब एफआईआई की खरीद के चलते बाजार में धन का प्रवाह बढ़ रहा हो, तब खरीद की कॉल देने के लिए किसी अतिरिक्त बुद्धि की जरूरत नहीं होती। इसका मतलब तब हात, जब आपने खरीद की कॉल तब दी होती, जब सेंसेक्स 8000, 15,000 या यहांऔरऔर भी