हमारी अर्थव्यवस्था का अच्छा हो या बुरा हो, आज के हालात में शेयर बाज़ार के लिए इसका कोई मतलब नहीं रह गया है। लेकिन विदेशी संस्थागत या पोर्टपोलियो निवेशक (एफआईआई/एफपीआई) अगर शेयर बाज़ार में खरीदने से ज्यादा बेचते हैं तो इसका सीधा असर बाज़ार के सूचकांक और स्टॉक्स पर पड़ता है। चिंता की बात यह है कि पिछले कुछ महीनों से एफआईआई भारतीय शेयर बाज़ार से निकलते जा रहे हैं। एनएसडीएल के डेटा के मुताबिक एफआईआई भारत के जिस 40 सेक्टरों में निवेश करते हैं, उनमें लगा उनका कुल धन फरवरी 2022 में 60,340 अरब डॉलर था। यह जनवरी 2022 से 5.6% और दिसंबर 2021 से 7.7% कम है। उनके निकलने का असर हम आईटी और हेल्थकेयर स्टॉक्स पर पहले देख चुके हैं। अब बुधवार की बुद्धि…
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