स्पेन की सरकार का ऋण इस साल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 79.8 फीसदी पर पहुंच जाएगा जो 1990 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। स्पेन के बजट मंत्री क्रिस्टोबल मोनटोरो ने मंगलवार को मैड्रिड में संवाददाता सम्मेलन में दौरान बताया कि साल 2012 में सरकार को 186.1 अरब यूरो (248 अरब डॉलर) का ऋण लेना पड़ेगा। इससे सरकार के ऋण व जीडीपी का अनुपात 79.8 फीसदी हो जाएगा, जबकि साल 2011 में यह 68.5 फीसदी था।
बता दें कि ऋण संकट से जूझते यूरोपीय संघ ने सरकारों के ऋण पर जीडीपी के 60 फीसदी तक की सीमा बांध रखी है। हालांकि खुद यूरो ज़ोन के 17 देशों पर औसत ऋण इस समय जीडीपी का 90.4 फीसदी है। स्पेन के बजट मंत्री मोनटोरो का कहना था, “स्पेन बहुत नाजुक स्थिति में है। इसलिए हम हालात से निपटने की गंभीर कोशिश में लगे हैं।” वे बजट पेश करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने बताया कि सरकारी खजाने की हालत 2008 की पहली तिमाही के बाद बिगड़नी शुरू हुई।
इस साल के बजट में स्पेन ने 27 अरब यूरो के नए टैक्स लगा दिए है और खर्चों में कटौती की है। इससे सरकारी घाटा जीडीपी के 5.3 फीसदी पर आ जाएगा, जबकि पिछले साल यह 8.5 फीसदी था। विश्लेषकों का कहना है कि स्पेन को घाटे के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए जबरदस्त जद्दोजहद करनी पड़ेगी। बता दें कि स्पेन फिलहाल आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। वहां फरवरी में बेरोजगार कामगारों की संख्या 0.82 फीसदी बढ़कर 47.5 लाख पर पहुंच गई। 1996 के बाद यह सबसे बड़ी संख्या है। स्पेन की कुल आबादी लगभग 4.61 करोड़ है। दस फीसदी से ज्यादा आबादी का बेरोजगार होना गंभीर मसला है।