भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) दूसरे चरण के तहत 40 करोड़ लोगों को आधार नंबर देने के लिए पंजीकरण का काम इसी अप्रैल महीने से शुरू कर रहा है। इस संदर्भ में रजिस्ट्रार, पंजीकरण एजेंसियों और अन्य भागीदारों के लिए राष्ट्रीय स्तरीय कार्यशाला मंगलवार को विज्ञान भवन में शुरू की गई। लोगों को आधार नंबर देने के लिए पंजीकरण करने का काम धीरे-धीरे पूरे देश में शुरू होने की उम्मीद है।
यूआईडीएआई को आशा है कि अपने सहयोगियों के समर्थन से आनेवाले दो सालों में वह 40 करोड़ देशवासियों को आधार का नंबर दे देगा। मंत्रिमंडलीय समिति ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा इस साल जनवरी में 40 करोड़ अतिरिक्त निवासियों के लिए विविध रजिस्ट्रारों के जरिए लोगों को आधार नंबर देने के लिए पंजीकरण करने का काम जारी रखने की मंज़ूरी दी थी।
इस अवसर पर यूआईडीएआई के अध्यक्ष नंदन नीलेकणी ने अपने सहभागियों से नई रणनीति के साथ लोगों को आधार नंबर देने के लिए जानकारी एकत्र करने के अगले चरण में भाग लेने को कहा है। संस्था के महानिदेशक व प्रबंध निदेशक आर एस शर्मा ने आधार एनरोलमेंट के पहले चरण के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला और अगले चरण के पहलुओं का उल्लेख किया।
यह कार्यशाला पहले चरण में 20 करोड़ लोगों को आधार नंबर देने के लिए पंजीकरण करने के विभिन्न पहलुओं को संज्ञान में लेने और दूसरे चरण की इस प्रक्रिया को शुरू करने से पहले रजिस्ट्रार और अन्य सहभागियों के साथ नई रणनीति साझा करने के लिए आयोजित की गई। नई रणनीति के तहत बहु-रजिस्ट्रारों के जरिए नामांकन जारी रखना, जिला/राज्य के अधिकतम निवासियों को तेज़ी से सम्मिलित करना, पिन कोड वैधता के लिए मास्टर डाटा की समीक्षा, सत्यापनकर्ताओं की पहचान और प्रशिक्षण, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में जिला/तालुक स्तर पर स्थाई एनरोलमेंट केंद्रों की स्थापना जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।