रेल मंत्री ममता बनर्जी ने इस साल के रेल बजट में ऐसी कोई नीतिगत घोषणा नहीं की थी। लेकिन भारतीय रेल अब रिटायरिंग रूम्स या प्रतीक्षालय का प्रबंध निजी हाथों में सौंपने जा रही है। इसकी शुरुआती राजधानी दिल्ली से की जा रही है। कहा जा रहा है कि इससे रेलवे स्टेशनों के प्रतीक्षालयों में यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
उत्तर रेलवे की योजना के अनुसार इस प्रकार के प्रतीक्षालयों में टीवी सेट और रूम सर्विस जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसकी शुरुआत नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशनों के प्रतीक्षालयों से की जायेगी।
उत्तर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशनों के प्रतीक्षालयों का रख-रखाव निजी हाथों में दिया जाएगा ताकि ग्राहकों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।’’ उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली स्टेशन में यात्रियों की सुविधा के लिए 22 और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन में 11 कमरे उपलब्ध हैं। अब तक इनका रखरखाव और संचालन सभी कुछ रेलवे खुद करता रहा है।
हालांकि, अधिकारी ने बताया कि इन प्रतीक्षालय के शुल्क आदि में कोई बदलाव नहीं होगा। वातानुकूलित प्रतीक्षालय के लिए 750 रुपए और सामान्य प्रतीक्षालय का किराया 450 रुपए प्रति 12 घंटे निर्धारित किया है। एक व्यक्ति अधिक से अधिक तीन दिन तक प्रतीक्षालय में रुक सकता है। उन्होंने कहा कि इलाके को देखते हुए यह शुल्क बहुत कम है।