मॉयल में उतर गए पंटरों के कपड़े

बाजार अब भी विश्वास के संकट से गुजर रहा है। इसलिए भावों में तेज उतार-चढ़ाव जारी है। लोग निफ्टी के ऑप्शन सौदों में 5600 व 5400 पर सक्रिय हैं जो साफ दिखाता है कि हर बढ़त का इस्तेमाल बिकवाली के लिए किया जा रहा है। दूसरे तमाम भूत धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं तो अब नई अफवाह फैलाई जा रही है कि डीएमके केंद्र सरकार से समर्थन वापस ले लेगी। यह एकदम बकवास है क्योंकि इस समय कोई भी राजनीतिक दल मध्यावधि चुनावों के लिए तैयार नहीं है।

कोल इंडिया ने एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल) निवेशकों को खुश कर दिया था क्योंकि रिटेल निवेशक लिस्टिंग के दिन पहले बेचकर निकल गए थे, जबकि बाद में मूल्य काफी ऊपर चला गया था। लेकिन आज मॉयल की लिस्टिंग पर एचएनआई और ऑपरेटरों से उलटा खेल कर दिया और तमाम पंटर जो अनधिकृत बाजार में इसे दबाकर 200 व 250 पर बेच रहे थे, उनके कपड़े उतर गए। आईपीओ में 375 रुपए इश्यू मूल्य पर जारी मॉयल का शेयर आज 46.93 फीसदी बढ़कर 551 रुपए पर लिस्ट हुआ। ऊपर में 591.05 रुपए तक चला गया। पर बंद हुआ 24.61 फीसदी की बढ़त के साथ 467.30 रुपए पर। यह एक और उदाहरण है जो दिखाता है कि बाजार को उठाना-गिराना किसी एक के वश की बात नहीं है। यह सच आगे भी झलक दिखाता रहेगा।

एडवांस टैक्स जमा करने के आंकड़े शानदार रहे हैं। बॉम्बे डाईंग ने इस बार 85 करोड़ रुपए का टैक्स भरा है जो उसकी इक्विटी का दोगुना है। यह उसकी रीयल एस्टेट से हुई कमाई का नतीजा है। इसलिए यह ऋणों की अदायगी की स्थिति दिखाता है। के एस ऑयल 28.55 रुपए तक लुढकने के बाद अब तक के सबसे ज्यादा वोल्यूम के साथ आज 49.80 रुपए तक चला गया और बंद हुआ 16.57 फीसदी की बढ़त लेकर 48.20 रुपए पर। कौन साबित करेगा है कि धांधली करके जबरन इसके भावों को चढ़ाया गया है। यह शुद्ध खरीद का नतीजा है और कोई उस व्यक्ति को नहीं रोक सकता जो जोखिम को समझते हुए भी ज्यादा भावों पर खरीद करने को तैयार है। जहां भी असली मूल्य दिखेगा, निवेशक आकर खरीदेंगे, भले ही वह शेयर दागी हो या नहीं।

कल रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की तीसरी तिमाही के बीच की औपचारिक समीक्षा करेगा। उम्मीद है कि सीआरआर में कमी कर दी जाए। बाजार इधर काफी हल्का हो चुका है और बहुत जल्द ही वह रोलओवर के लिए महीने के दूसरे हिस्से में प्रवेश कर जाएगा। और, इस बार खरीद के सौदों का रोल होना बेहद मुश्किल है क्योंकि बाजार शॉर्ट सौदों से पटा पड़ा है।

बाजार में इधर या उधर, किसी भी तरफ की दृढ़ता का होना ज्यादा महत्वपूर्ण है। हमने हीरो होंडा में बेचने की सलाह सबसे पहले पेश की थी और देखिए यह स्टॉक कैसे 1600 रुपए के नीचे पहुंच गया है। हीरो होंडा और होंडा के डील के बारे में हमने सबसे पहले बता दिया था कि यह सौदा 120 करोड़ डॉलर में होगा। मीडिया ने इस मसले को बार-बार घुमाया। लेकिन आखिरकार वही हुआ जो हमने समझा और लिखा था। रिसर्च पर भरोसा करें, मीडिया पर नहीं। मीडिया आपकी राय को उलट-पुलट करने में अहम भूमिका निभाता है। आप मीडिया के किसी व्यक्ति से पूछिए। वह आपको निफ्टी के 5400 तक गिरने का तर्क समझा देगा। वहीं, बाजार को समझने व रिसर्च से जुड़े किसी व्यक्ति से पूछिए तो वह आपके सामने निफ्टी 7000 अंक तक जाने का खाका पेश कर देगा। आप इनमें से किसे मानेंगे, इसका फैसला आपको ही करना है।

आज तो स्कूल खोलना भी धंधा है। फिर भी अगर आप एक स्कूल खोलते हैं तो समझिए कि एक जेल बंद कर रहे होते हैं।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ हैलेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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