फर्स्टसोर्स में है संभावनाओं का स्रोत

फर्स्टसोर्स सोल्यूशंस (एनएसई–FSL, बीएसई–532809) आईसीआईसीआई बैंक द्वारा प्रवर्तित कंपनी है। दुनिया की तमाम कंपनियों को हेल्थकेयर, टेलिकॉम व मीडिया और बैंकिंग व वित्तीय सेवाओं से जुड़ी बीपीओ सेवाएं उपलब्ध कराती है। फॉर्च्यून-500, फुटसी-100 और निफ्टी-50 में शामिल कई कंपनियां उसकी ग्राहक हैं। वह अपने कामकाज का संचालन भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन और फिलीपींस से करती है। इन सभी केंद्रों में उसके कुल कर्मचारियों की संख्या लगभग 25,000 है। इसका शेयर 10 दिसंबर, शुक्रवार को 19.40 रुपए की तलहटी पकड़ने के बाद धीरे-धीरे उठ रहा है। कल 21.65 रुपए पर बंद हुआ है। इस हफ्ते के पहले दो दिनों में वो शुक्रवार के बंद स्तर 20.45 रुपए से 5.87 फीसदी बढ़ चुका है।

इसके अभी आगे और बढ़ने की गुंजाइश है क्योंकि ठीक पिछले बारह महीनों में कंपनी का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 1.43 रुपए है और उसका शेयर 15.15 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है, जबकि उसकी बुक वैल्यू 23.83 रुपए है। इसी साल 14 जनवरी को यह शेयर ऊपर में 37.95 रुपए तक जा चुका है। इसलिए तलहटी के आसपास घूम रहे इस शेयर को पकड़ लेने में कोई हर्ज नहीं है। साल 2001 में बनी कंपनी है। उसके बाद साल-दर-साल लगातार बढ़ रही है।

सितंबर 2010 की तिमाही में इसने समेकित रूप से 503.6 करोड़ रुपए की आय पर 33.21 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। साल भर पहले की तुलना में उसकी बिक्री 3 फीसदी और शुद्ध लाभ 14 फीसदी बढ़ा है। बीते वित्त वर्ष 2009-10 में कंपनी ने 1970.79 करोड़ रुपए की आय पर 136.07 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था। हां, कंपनी के साथ जोखिम यह है कि उसकी आय का 58.7 फीसदी अमेरिका और 28.7 फीसदी हिस्सा ब्रिटेन से आता है। इसलिए इन देशों के आर्थिक हालात और विदेशी मुद्रा विनिमय दरों का उस पर सीधा असर पड़ेगा। लेकिन बीपीओ उद्योग विकसित देशों की कंपनियों को इतनी सस्ती दर पर सेवाएं उपलब्ध कराता है कि इसके धंधे पर कभी आंच नहीं आनेवाली।

कंपनी के प्रबंधन निदेशक व सीईओ मैथ्यू वैलांस हैं। कंपनी की इक्विटी 430.06 करोड़ रुपए है। इसका 21.21 फीसदी आईसीआईसीआई बैंक के पास है, जबकि एफआईआई के पास इसके 8.42 फीसदी और डीआईआई के पास 4.53 फीसदी शेयर हैं। इसमें मॉरीशस की मेटावेंटे इनवेस्टमेंट्स ने 18.20 फीसदी और एरैंडा इनवेस्टमेंट्स ने 21.37 फीसदी इक्विटी ले रखी है। यानी, स्वामित्व का अच्छा-खासा मकड़जाल कंपनी में है। लेकिन आईसीआईसीआई बैंक के नेतृत्व में यह दुरुस्त कामकाज करेगी, इसका भरोसा रखा जाना चाहिए। हां, एक बात और, कंपनी ने पीपल रिसर्च कॉरपोरेशन की अपनी 51 फीसदी हिस्सेदारी क्रिसिल को बेचने का करार किया है। यह सौदा हफ्ते-दो हफ्ते में ही पूरा होनेवाला है। इसका सकारात्मक असर इस साल कंपनी की बैलेंस शीट पर पड़ेगा।

अंत में एक अन्य शेयर की चर्चा। नेक्ससॉफ्ट इनफोटेल (Nexxoft Infotel, बीएसई कोड – 532045) बड़ी गेमिंग कंपनी है। पिछले डेढ़ महीने में उसका शेयर 240 रुपए से गिरकर 65 रुपए पर आ गया है। कल भी उस पर निचला सर्किट ब्रेकर लगा है। इसके पीछे कुछ बड़े खिलाड़ी हैं। इसलिए इस नजर रखी जानी चाहिए। जोखिम उठाने की औकात वाले सब कुछ जानने-समझने के बाद चाहें तो दांव भी लगा सकते हैं।

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