देश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को लागू करने से खाद्य सब्सिडी में केवल 2410 करोड़ रुपए का इजाफा होगा। यह कहना है केन्द्रीय उपभोक्ता व खाद्य राज्य मंत्री के वी थॉमस का। उन्होंने शनिवार को पुडुचेरी में सामाजिक मुद्दों पर आयोजित अखिल भारतीय संपादक सम्मेलन में यह दावा किया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को केन्द्र सरकार की ऐतिहासिक पहल है और इस कानून के अमल पर बहुत ज्यादा खर्च नहीं होगा। उनका कहना था कि मौजूदा योजनाओं के तहत नए वित्त वर्ष 2012-13 में खाद्य सब्सिडी की रकम 88,997 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। अगर हम 2011 की जनगणना के आधार पर लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) को समायोजित करें तो सब्सिडी की राशि 1,09,795 करोड़ रुपए होगी। इसकी तुलना में इस खाद्य सुरक्षा विधेयक के अंतर्गत अनुमानित सब्सिडी राशि1,12,205 करोड़ रुपए, यानी 2410 करोड़ रुपए ही ज्यादा होगी।
प्रो. थॉमस ने कहा कि इस संबंध में कुछ राज्यों की यह अवधारणा बेबुनियाद है कि यह विधेयक सीमित करने वाला है और अधिक क्षेत्रों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से अगर सार्वजनिक वितरण व्यवस्था को सबके लिए खोल दिया जाए तो उसमें बाधक होगा। इस विधेयक में टीपीडीएस के अंतर्गत न्यूनतम पात्रता तय कर दी गइ है और इसके जरिए कानून के अमल में आ जाने के बाद केन्द्र व राज्य सरकारों की जिम्मेदारी निर्धारित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक के अंतर्गत कम अनाज आवंटित किए जाने संबंधी आशंकाएं भी ठीक नहीं हैं। इस विधेयक में अखिल भारतीय स्तर पर कवरेज के अनुरूप राज्यवार कवरेज का फैसला होना अभी बाकी है।