14,500 करोड़ का विनिवेश होगा इसी साल

केंद्र सरकार चालू वित्त वर्ष 2011-12 के भीतर ही, यानी 31 मार्च 2012 से पहले ओएनजीसी और बीएचईएल के विनिवेश से करीब 14,500 करोड़ रुपए जुटाने जा रही है। इसके लिए कोई फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) नहीं आएगा, बल्कि इनके शेयरों की बिक्री स्टॉक एक्सचेंजों में नीलामी के नए माध्यम से की जाएगी।

इस सिलसिले में मंत्रियों के अधिकारप्राप्त समूह की बैठक बुधवार, 15 फरवरी को होने जा रही है। समूह के अध्यक्ष वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी हैं। समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ने सूत्रों के हवाले बताया है कि ओएनजीसी में सरकारी हिस्सेदारी के बेचने से 12,000 करोड़ रुपए और बीएचईएल के शेयरों की बिक्री से 2500 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। विनिवेश की सही मात्रा और मूल्य का फैसला बुधवार की बैठक में किया जाएगा।

ओएनजीसी में सरकार की हिस्सेदारी अभी 74.14 फीसदी है। सरकार इसका 5 फीसदी हिस्सा बेचना चाहती है। 280 रुपए प्रति शेयर के मौजूदा बाजार मूल्य पर इससे उसे करीब 12,000 करोड़ रुपए मिल सकते हैं। बीएचईएल में वह 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है। सेबी द्वारा निर्धारित नीलामी के नए तरीके से सरकार एक ही दिन में जरूरी शेयर बेच सकती है। बता दें कि चालू वित्त वर्ष 2011-12 में सरकार का लक्ष्य विनिवेश से कुल 40,000 करोड़ रुपए जुटाने का था। लेकिन इसमें से पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन के एफपीओ से अभी तक मात्र 1145 करोड़ रुपए ही जुटाए जा सके हैं।

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