दुनिया में कच्चे तेल और खाद्यान्नों के दाम बढ़ने की रफ्तार यदि धीमी नहीं पड़ी तो एशियाई देशों में करीब दो करोड़ लोग गरीबी का जीवन जीने पर मजबूर हो जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र संघ की एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र की वर्ष 2011 की एशिया और प्रशांत क्षेत्र की आर्थिक और सामजिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (यूएन एस्केप) के अनुसार यदि वर्ष 2011 में खाद्यान्न मूल्यों से जुड़ी मुद्रास्फीति दोगुनी हो जाती है और कच्चे तेल के दाम 130 डॉलर प्रति बैरल से उपर निकल जाते हैं तो एशियाई देशों में 1.78 करोड लोग गरीबी रेखा से नीचे चले जाएंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘पिछले कुछ सालों में विभिन्न देशों में खाद्यान्न के दाम 35 फीसदी तक बढ़े हैं। बढ़ती कीमतों का गरीबों पर गंभीर असर पड़ता है, इससे विकास से मिले लाभ भी कम पड़ जाते हैं।’’