देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में गिरावट का सिलसिला जारी है। मार्च में लगातार तीसरे माह में इसमें कमी आई है। यूरोप में वित्तीय संकट की वजह से मार्च में एफडीआई साल दर साल आधार पर 11 फीसदी घटकर 1.07 अरब डॉलर रह गया है। पिछले साल इसी अवधि में देश में 1.2 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया था।
वित्त वर्ष 2010-11 में एफडीआई 25 फीसदी घटकर 19.43 अरब डालर रहा। 2009-10 में देश में 25.83 अरब डॉलर का एफडीआई आया था, जो इससे भी पिछले वित्त वर्ष के 27.33 अरब डॉलर से कम था।
इस साल जनवरी में एफडीआई 48 फीसदी घटकर 1.2 अरब डॉलर पर आ गया, जबकि फरवरी में यह 30 फीसदी की गिरावट के साथ 1.04 अरब डॉलर हो गया। जिन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया उनमें सेवा, दूरसंचार, आवास और रीयल एस्टेट, निर्माण गतिविधियां और ऊर्जा शामिल हैं। मॉरीशस, सिंगापुर, अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, जापान, जर्मनी और संयुक्त अरब अमीरात भारत में निवेश करने वाले प्रमुख देश हैं।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने इस साल एक जनवरी से 5 मई, 2011 की अवधि के दौरान देश में 3.6 अरब डॉलर का निवेश किया है।