सेबी की हेल्पलाइन का ठेका बाहरी कंपनी को

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने अपनी निवेशक हेल्पलाइन सेवा का ठेका किसी बाहरी कंपनी को देने का फैसला किया है। इस कॉल सेंटर में 500 एजेंटों की जरूरत होगी जो आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) और ट्रेडिंग जैसे तमाम मामलों के बारे में निवेशकों के फोन का जवाब देंगे।

इससे कुछ ही हफ्ते पहले भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निवेशकों की शिकायतों के निपटाने का जिम्मा किसी अन्य कंपनी को देने का निर्णय किया था।
सेबी के एक अधिकारी ने बताया कि अब सेबी ने टॉल फ्री निवेशक हेल्पालाइन सेवा चलाने का जिम्मा किसी कंपनी को देने का निर्णय किया है। इस कॉल सेंटर में निवेशकों के प्रश्नों के जवाब सुबह 9.30 बजे से लेकर शाम 5.30 बजे तक दिए जाएंगे। तीन महीने के बाद समय और घंटों को बढ़ाया जा सकता है।

यह दिलचस्प बात है कि सेबी ब्रोकरों, म्युचूअल फंड व निवेश बैंकरों जैसे विभिन्न बाजार मध्यस्थों द्वारा अपने कुछ कामों को किसी अन्य कंपनी को दिए जाने को लेकर नियमन तैयार कर रहा है। ऐसा कहा जाता है कि सेबी बाजार इकाइयों के प्रमुख और निवेश से जुड़े संवेदनशील गतिविधियों को देखने का जिम्मा किसी दूसरी कंपनी को दिए जाने के खिलाफ है।

निवेशक हेल्पलाइन कॉल सेंटर से शिकायत दर्ज कराने के तरीके, ट्रेडिंग खाता खोलने, शिकायत की स्थिति और शेयरों के ट्रांसफर जैसे मामलों के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे। इसके अलावा कॉल सेंटर में कंपनियों की स्थिति के बारे में भी जानकारी हासिल की जा सकेगी।

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