भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र जनवरी से मार्च की चालू तिमाही के बिजनेस आउटलुक को लेकर काफी उत्साहित है। लेकिन जहां तक नई नियुक्तियों का सवाल है, वह बहुत संभल कर चलेगा और ज्यादातर एंट्री व जूनियर स्तर की नौकरियों के लिए छोटे शहरों के लोगों को लेना पसंद करेगा। यह निष्कर्ष है रोजगार के अवसरों पर किए गए एक ताजा अध्ययन का।
जनवरी-मार्च 2011 के लिए टीमलीज की इम्प्लॉयमेंट आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तिमाही की बिजनेस संभावनाओं को लेकर भारतीय कंपनियों का नजरिया थोड़ा बेहतर हुआ है। इससे रोजगार की संभावनाओं को भी काफी बल मिला है। इस तिमाही में जहां बिजनेस आउटलुक 2 फीसदी बढ़कर 71 से 73 फीसदी हो गया है, वहीं रोजगार आउटलुक एक फीसदी बढ़कर 68 से 69 फीसदी हो गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछली दो तिमाहियों में भारत में मुद्रास्फीति के दबावों के बावजूद जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की विकास दर 8.9 फीसदी के प्रभावकारी स्तर पर रही है। इसलिए मुद्रास्फीति भले ही चिंता की वजह बनी हुई हो, लेकिन भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र का बिजनेस सेंटीमेंट काफी सकारात्मक बना हुआ है।