देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया के मानेसर संयंत्र में हड़ताल जारी रहने से कारों का उत्पादन पूरी तरह से ठप है। हड़ताल का आज, सोमवार को दसवां दिन है। प्रबंधन और मजूदरों में आज भी बात चली। लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। हालांकि उत्पादन ठप रहने से मारुति के शेयर खास फर्क नहीं पड़ा है। आज उसमें 0.35 फीसदी की मामूली गिरावट दर्ज की गई।
कंपनी के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘बातचीत चल रही है, लेकिन हड़ताल अब भी जारी है। संयंत्र में उत्पादन बंद है।’’ मानेसर संयंत्र के करीब 2000 कर्मचारी 4 जून से हड़ताल पर है जिससे शनिवार तक 7800 कारों का उत्पादन नहीं होने के चलते कंपनी को करीब 390 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। रविवार को कारखाने में साप्ताहिक अवकाश रहता है।
हड़ताली कर्मचारी नई यूनियन (मारुति सुजुकी इम्प्लाइज यूनियन) को मान्यता देने सहित अन्य मांगों पर अड़े हैं। इस यूनियन का गठन कंपनी के मानेसर संयंत्र के कर्मचारियों ने किया है।
कंपनी ने पिछले सप्ताह कर्मचारियों को कथित तौर पर हड़ताल के लिए उकसाने के लिए 11 कर्मियों को बरखास्त कर दिया। कल, रविवार को हालांकि, कंपनी ने थोड़ी नरमी दिखाते हुए कहा कि वह नई यूनियन को मान्यता देने को तैयार है, जो कर्मचारियों की मुख्य मांग है। हड़ताली कर्मचारियों ने भी कहा था कि वे हड़ताल समाप्त करने के इच्छुक हैं बशर्ते बरखास्त किए गए उनके सभी 11 साथियों को बहाल कर दिया जाए। लेकिन कंपनी पांच से ज्यादा कर्मियों को वापस लेने को राजी नहीं है।
इस बीच, गुड़गांव-मानेसर औद्योगिक क्षेत्र की 60 से ज्यादा इकाइयों की 65 मजदूर यूनियन खुलकर मारुति के मजदूरों की पक्ष में आ गई हैं। उन्होंने अपने-अपने कारखानों के गेट पर सार्वजनिक सभा की जिनमें कर्मचारियों को मारुति के मानेसर संयंत्र के जुड़े मुद्दों के बारे में बताया गया। (प्रेट्र)