इनफोसिस छोड़ने वाले 16% बढ़े तो नई नियुक्तियों का लक्ष्य 20% बढ़ाया गया

इनफोसिस टेक्नोलॉजीज जैसी नामी कंपनी को भी छोड़कर जानेवालों की कमी नहीं है। इनफोसिस देश में टीसीएस के बाद दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी है। वहां काम का माहौल जबरदस्त माना जाता है। कंपनी ने इसी 2 जुलाई को अपनी तीसवीं सालगिरह पर सभी कर्मचारियों को 5.69 लाख शेयर मुफ्त में बांटे हैं। लेकिन इसके बावजूद चालू वित्त वर्ष 2010-11 में अप्रैल-जून की पहली तिमाही में उसे छोड़कर जानेवाले कर्मचारियों की संख्या 15.8 फीसदी बढ़ गई है। साल भर पहले यह दर 11.1 फीसदी और ठीक पहले की जनवरी-मार्च 2009 की तिमाही में 13.4 फीसदी थी। हालांकि आईटी सॉफ्टवेयर उद्योग ऐसा क्षेत्र है जहां लोग फटाफट नौकरियां बदलते हैं। इसलिए उन्हें रोक कर रखना अपने आप में बड़ी चुनौती होती है।

इनफोसिस ने इस रुझान को देखते हुए नए लोगों को नौकरी देने का लक्ष्य 20 फीसदी बढ़ा दिया है। पहले उसने चालू वित्त वर्ष में 30,000 नए लोगों को नौकरी पर रखने का लक्ष्य रखा था, जिसे अब 36,000 कर दिया गया है। पिछले वित्त वर्ष 2009-10 में कंपनी ने 27,639 नए लोगों को नौकरी पर रखा था। जून 2010 तक के आंकड़ों के मुताबिक इनफोसिस व उसकी सब्सडियरी इकाइयों में कार्यरत कुल कर्मचारियों की संख्या 1,14,822 है। साल भर पहले यह संख्या 1,03,905 और एक तिमाही पहले 1,13,796 थी। कंपनी के कुल कर्मचारियों में से 1,08,495 सॉफ्यवेयर प्रोफेशनल हैं, जबकि साल भर इनकी संख्या 96,334 और एक तिमाही पहले 1,06,864 थी।

इनफोसिस के निदेशक टीवी मोहनदास पई का कहना है कि बाजार खुलने के साथ इस तिमाही में कंपनी छोड़कर जानेवालों की संख्या बढ़ी है। हमने इसे कम करने के लिए वेतन बढ़ाने समेत कई कदम उठाए हैं। बता दें कि अप्रैल-जून 2010 में कंपनी ने 8859 नए लोगों को काम पर रखा। लेकिन तमाम वजहों से 7833 कर्मचारी बाहर निकल गए तो कंपनी से नए लोगों के जुड़नेवालों की संख्या केवल 1026 रही।

इनफोसिस ने आज ही अपनी पहली तिमाही के नतीजे भी घोषित किए। इस दौरान उसका शुद्ध लाभ 1490 करोड़ रुपए रहा है जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 1530 करोड़ रुपए था। हालांकि सब्सडियरी इकाइयों को मिलाकर उसका समेकित लाभ इस बार 6198 करोड़ रुपए रहा है जो पिछली बार 5472 करोड़ रुपए था। कंपनी के नतीजे बाजार की अपेक्षा के अनुरूप नहीं हैं। इसे दर्शाते हुए आज उसका शेयर बीएसई में 3.44 फीसदी की गिरावट के साथ 2795.30 रुपए और एनएसई में 3.69 फीसदी की गिरावट के साथ 2789 रुपए पर बंद हुआ। इनफोसिस के एडीआर (अमेरिकन डिपॉजिटरी रिसीट्स) नास्डाक में भी लिस्टेड हैं।

कंपनी ने पहली तिमाही में 38 नए ग्राहक हासिल किए हैं। पूरे वित्त वर्ष के लिए कंपनी का अनुमान है कि उसके प्रति शेयर लाभ में 5.2 से 9.6 फीसदी का इजाफा होगा, जबकि पहले यह अनुमान 4.3 से 8.6 फीसदी का था। हालांकि यूरोप के हालात का कंपनी के कामकाज पर असर पड़ रहा है। अप्रैल-जून 2010 में उसकी बिक्री में यूरोप का योगदान करीब 20 फीसदी रहा है, जबकि साल भर पहले यह करीब 25 फीसदी और एक तिमाही पहले 23 फीसदी था। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एस गोपालकृष्णन का कहना है कि वैश्वकि आर्थिक परिवेश में अनिश्चितता है और ग्राहकों से हमारी सेवाओं की मांग बढ़ रही है। उद्योग के सामने चुनौती है कि माहौल की अनिश्चितता के मद्देनजर वह बिजनेस को बढ़ाने के लिए निवेश में वृद्धि करे।

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