बाहर की बहार और अंदर की खबर

अजीब खींचतान का शिकार रहा बाजार। आईटी सेक्टर नीचे खींच रहा था तो बैंकिंग सेक्टर ऊपर। इनफोसिस ने भविष्य के अनुमान का झटका दिया तो एचडीएफसी के नतीजे बाजार की सोच से कमतर रहे। इस ऊंच-नीच और खींचतान में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक की अप्रत्याशित वृद्धि भी बाजार का मूड उठा नहीं सकी। निफ्टी दिन में 11 बजे के आसपास 4869.20 तक उठ गया। लेकिन सवा घंटे के भीतर ही 4803.90 तक गोता लगा गया। अंत में बंद हुआ 0.61 फीसदी की गिरावट के साथ 4831.25 अंक पर।

आगे के लिए उम्मीद है कि यह 4830 से 4910 के दायरे में घूमेगा। हालांकि अभी यह एक कदम, दो कदम पीछे का ढर्रा अपनाए हुए है, जिसमें प्रबल रुझान गिरावट का ही दिखता है। वैसे, अगले हफ्ते के पहले दिन से बाजार का रुख पलट सकता है और 24 जनवरी को इसमें निर्णायक मोड़ सकता है। अगले दिन 25 जनवरी को इस महीने के डेरिवेटिव सौदों के सेटलमेंट का आखिरी दिन है। इतना तय है कि खिलाड़ी अपना खेल दिखाएंगे और बाजार खलबली के भयंकर दौर से गुजरेगा।

यह भी नोट करने की बात है कि बाजार का उठना-गिरना महज एफआईआई के हाथ में नहीं रह गया है। दूसरी शक्तियां का भी अहम रोल है। नहीं तो आज एफआईआई ने बेचने से ज्यादा खरीदा। उनकी शुद्ध खरीद  431.31 करोड़ रुपए की रही। दूसरी तरफ डीआईआई ने 182.18 करोड़ रुपए की शुद्ध बिकवाली की।
इस बीच बाहर से भी अच्छी खबरें आ रही हैं। स्पेन में सरकारी बांडों के दाम का बढ़ना और यील्ड का घटना सुखद खबर है। वहीं, चीन में मुद्रास्फीति की दर घटकर 15 महीनों के न्यूनतम स्तर, 4.1 फीसदी पर आ गई है। बावजूद इसके एशिया के ज्यादातर बाजारों में उत्साह नहीं दिखाया।

भारत की बात करें तो अब खुद वित्त मंत्री कहने लगे हैं कि मुद्रास्फीति की दर मार्च तक घटकर 6 से 7 फीसदी के बीच आ जाएगी। ये सारे पहलू यही संकेत दे रहे हैं कि अब संकटकाल बीतने की कगार पर है। इस बीच वीआईपी इंडस्ट्रीज जैसे स्टॉक्स में शॉर्ट कवरिंग के चलते बढ़ने का सिलसिला जारी है। लेकिन हमें इनके झांसे में नहीं पड़ना चाहिए।

चमक को देखकर उछलनेवाले लोग असल से चूक जाते हैं। वहीं शांत भाव से गोता लगानेवाले समुद्र से वेशकीमती मोती निकालकर ले आते हैं।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)

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