देश की घरेलू बचत लगातार घट रही है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक हमारी सकल घरेलू बचत वित्त वर्ष 2018-19 में 60,00,390 करोड़ रुपए हुआ करती थी। यह 2019-20 में 59,95,942 करोड़ रुपए और 2020-21 में 55,92,446 करोड़ रुपए रह गई। बाद का सरकारी आंकड़ा अभी तक नहीं आया है। लेकिन मोतीलाल ओसवाल फाइनेंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2022-23 में सितंबर 2022 तक की छमाही में हमारी सकल घरेलू बचत दर जीडीपी की 26.2% रह गई है जो पिछले 19 सालों का न्यूनतम स्तर है। बचत दर घटने से उद्योगों में निवेश पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसकी भरपाई विदेशी बचत से करनी पड़ती है जिससे देश के चालू खाते का घाटा बढ़ जाता है। सितंबर 2022 की तिमाही में यह घाटा जीडीपी के 4.4% के खतरनाक निशान पर है, जबकि साल भर पहले 1.3% था। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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