खाद्य मुद्रास्फीति 25 जून को खत्म सप्ताह में घटकर सात हफ्तों के न्यूनतम स्तर 7.61 फीसदी पर आ गई। लेकिन वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी का कहना है कि अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति का काफी दाब अभी बाकी है। गुरुवार को सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति 25 जून को खत्म सप्ताह में 7.61 फीसदी रही है। यह इससे एक हफ्ते पहले 7.78 फीसदी और एक साल पहले जून 2010 की समान अवधि में 19.88 फीसदी थी।
ताजा आंकड़ों के अनुसार 25 जून को खत्म सप्ताह में दाल साल भर पहले की तुलना में 9.01 फीसदी सस्ती हो गई। इस दौरान सब्जियों के दाम में 8.74 फीसदी प्रतिशत और आलू के दाम में 2.13 फीसदी की नरमी रही। हालांकि अन्य खाद्य उत्पादों के दाम आलोच्य सप्ताह में भी ऊंचे बने रहे। पिछले साल की तुलना में फलों के दाम 22.75 फीसदी, अंडे, मांस व मछली के दाम 10.12 फीसदी, मोटे अनाज के दाम 4.26 फीसदी, दूध के दाम 12.10 फीसदी ऊंचे रहे।
खाद्य मुद्रास्फीति के नए आंकड़ों के अनुसार खाद्य उत्पादों की कीमतों में वृद्धि की दर सात मई को समाप्त सप्ताह के बाद सबसे कम है। तब के सप्ताह में यह 7.47 फीसदी थी। देश की मुख्य मुद्रास्फीति मई में 9.06 फीसदी रही है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने घरेलू बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों के दाम अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुरूप रखने पर जोर दिया है।
सरकार ने चेताया है कि घरेलू बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों के दाम में आधी-अधूरी वृद्धि से इन पर सब्सिडी बढ़ेगी जिसका असर मुद्रास्फीति पर भी होगा। वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के ऊंचे दाम की भरपाई घरेलू बाजार में इनके मूल्य में आधी-अधूरी वृद्धि के जरिये किए जाने से बढ़ती मांग पर अधिक सब्सिडी के रूप में सामने आएगी और इससे मुद्रास्फीति पर भी दबाव बढ़ेगा।”
इस बीच कुल प्राथमिक उत्पादों की मुद्रास्फीति 25 जून को समाप्त सप्ताह में 11.56 फीसदी रही जो पूर्व सप्ताह में 11.84 फीसदी थी। थोक मूल्य सूचकांक में प्राथमिक उत्पादों का योगदान 20.12 फीसदी है। गैर खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति उपरोक्त सप्ताह में 17.69 फीसदी रही, जो पिछले हफ्ते के 17.91 फीसदी से कम है। ईंधन व बिजली की मुद्रास्फीति फिलहाल 12.67 फीसदी पर है। लेकिन यह अगले हफ्ते बढ़ जाएगी क्योंकि सरकार ने डीजल, रसोई गैस व केरोसिन के दाम 25 जून से बढ़ा दिए हैं।