पांच सेक्टर, बाजार के पांच पांडव

दोपहर तक बीएसई सेंसेक्स 20,000 के नीचे और एनएसई निफ्टी 6000 के नीचे चला गया था। लेकिन यह कोई चिंता की बात नहीं, क्योंकि बाजार दो कदम आगे बढ़ने से पहले एक कदम पीछे चलकर अपने पैर जमाता है। चिंता की बात यह है कि हजारों कंपनियों के बीच हम निवेश के लिए किन-किन को चुनें। इसमें भी कंपनियों को चुनना तो बाद में होता रहेगा। उससे पहले यह जानने की जरूरत है कि कौन से सेक्टर हैं, जिनके स्टॉक्स अभी निवेश पर अच्छा रिटर्न दे सकते हैं।

हमारा मानना है कि पांच सेक्टर ऐसे में हैं जिनमें अच्छी बढ़त की भरपूर गुंजाइश है। ये सेक्टर हैं – कंज्यूमर ड्यूरेबल, आइरन ओर, रीयल्टी, छोटी आईटी कंपनियां और फर्टिलाइजर। कंज्यूमर ड्यूरबेल इसलिए कि अर्थव्यवस्था का विकास इस क्षेत्र में नई मांग पैदा करता है। वैसे भी, इधर त्योहारों की सीजन चल रहा है, जिसमें इनकी बिक्री अच्छी-खासी बढ़ जाती है। आइरन ओर सेक्टर इसलिए क्योंकि इसकी मांग बढ़ रही है, जबकि उत्पादन में गिरावट का दौर चल रहा है।

तीसरा संभावनामय क्षेत्र है रीयल्टी। इस सेक्टर ने पिछले कुछ महीनों में खुद को मजबूत किया है। इनवेंटरी अब तक के न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुकी है। ज्यादातर प्रोजेक्ट बिक चुके हैं और कीमतें दोबारा अपने चरम पर पहुंचती दिख रही हैं। चौथा सेक्टर है छोटी आईटी कंपनियों का। इस सेक्टर में ऑउटसोर्सिंग के साथ विलय व अधिग्रहण बढ़ने के आसार हैं। इसलिए इसमें बढ़त की पूरी गुंजाइश है। पांचवां क्षेत्र है फर्टिलाइजर का। अच्छे मानसून से इनकी मांग बढ़ी है। अच्छा सुधार आया है। फसलों का बोवाई क्षेत्रफल पहले से 16 फीसदी बढ़ गया है। इसलिए उर्वरक, खासकर यूरिया बनानेवाली कंपनियों के स्टॉक नई ऊंचाई हासिल कर सकते हैं।

इन पांचों सेक्टरों को हम महाभारत जीतनेवाले पांच पांडव मान सकते हैं। अगर इन सेक्टरों की अच्छी कंपनियों की शिनाख्त कर ली गई तो हम बाजी मार लेंगे, इसमें कोई संदेह नहीं है। लेकिन शर्त यही है कि हमारा चुनाव सटीक होना चाहिए। हमें अंधेरे में तीर चलाने की आदत से बाज आना पड़ेगा। कंपनी का आगा-पीछा देखकर रिसर्च से मिले संकेतों के आधार पर ही निवेश करना चाहिए।

वैसे, दुखद बात यह है कि अभी तक बॉम्बे स्टॉक किसी भी स्टॉक के समकक्ष दूसरे स्टॉक्स की तुलना के लिए सभी का पी/ई अनुपात साथ देता रहा था। इसके आधार पर हम देख सकते थे कि कौन सा स्टॉक दूसरों से कम पी/ई पर ट्रेड हो रहा है यानी सस्ता है। लेकिन न जाने क्यों बीएसई ने यह सूचना देनी अब बंद कर दी है। ऐसी जरूरी सूचना के एक सार्वजनिक स्रोत का बंद हो जाना रिटेल निवेशकों के लिए अच्छी बात नहीं है।

बाजार में थोड़ी गिरावट और बढ़त का सिलसिला चलता रहेगा। गिरावट से भयभीत और उठाव पर बहुत ज्यादा चहकने की जरूरत नहीं है। हमें भरोसे के साथ अच्छी कंपनियों में निवेश करते रहना चाहिए क्योंकि कम से कम 2015 तक शेयर बाजार में बढ़त का सिलसिला बना रहेगा। इसके बाद क्या होगा, इसे तब देखा जाएगा। पांच साल बाद हो सकता है कि निफ्टरी 18,000 अंक तक पहुंच जाए। लेकिन बाजार में जोखिम का तत्व हमेशा रहता है। इसलिए हो सकता है कि निफ्टी 8000 पर ही कहीं अटक कर रह जाए। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय संकेत यही हैं कि अमेरिका का फेडरल रिजर्व अपनी अर्थव्यवस्था को उठाने के लिए नए कदम उठाने जा रहा है।

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