तन, मन, आत्मन

तन है, मन है और आत्मा भी है। पदार्थ और चेतना के अलग-अलग स्वरूप हैं। आपस में ऐसे जुड़े हैं कि अलग हो ही नहीं सकते। एक के खत्म होने पर दूसरा खल्लास। इसलिए इन तीनों को स्वस्थ रखना जरूरी है।

2 Comments

  1. आवश्यक है तीनों का स्वस्थ रहना।

  2. तीनों आपस में इतना बंधे हैं की एक कड़ी भी कमजोर हो तो जंजीर ही टूट जाये .
    साधु वचन !

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *