फिर भी चालू है पंटरों का ड्रामा

मैं काफी समय से आपको बता रहा था कि सीमेंट क्षेत्र में कोई सुस्ती नहीं है। हालांकि मानसून के दौरान कम उठाव के चलते पहली तिमाही बुरी रही है। सीमेट के दाम प्रति बोरी 20 रुपए गिर गए और सारे एनालिस्ट आपको इससे बाहर निकलने का रास्ता दिखाने लगे। लेकिन हमने नई हलचल को सबसे पहले पकड़ा और आज सीमेंट कंपनियों ने मुंबई में प्रति बोरी दाम 10 रुपए बढ़ा दिए।

आप समझ सकते हैं कि मैं एफआईआई ब्रोकरेज हाउसों को क्यों नहीं पसंद करता। सार्वजनिक मंच पर, सबको बताने के लिए पर वे अब भी सीमेंट क्षेत्र को डाउनग्रेड कर रहे हैं, लेकिन अंदर ही अंदर खुद खरीद रहे हैं। ये उल्लू बनाने का धंधा नहीं तो और क्या है? उनका यह दोमुंहा खेल भारत में इसलिए चल जाता है क्योंकि इसके बारे में कोई तय नियम-कायदे नहीं हैं। उनकी ब्रोकरेज शाखा कहती है कि हमें ग्राहक से जो भी ऑर्डर मिलेगा, उसे हर हाल में पूरा करना है। दूसरी तरफ उसी हाउस की रिसर्च शाखा कहती है कि ब्रोकरेज शाखा क्या कहती है, इसकी परवाह किए बगैर हमें अपनी राय जाहिर करनी है। हद है!

इसलिए किसी भी स्टॉक पर राय देनेवाले स्वतंत्र रिसर्स हाउस की अपरिहार्य आवश्यकता है। इक्रा और क्रिसिल ने बीएसई और एनएसई के लिए कुछ अच्छा काम किया है। लेकिन चूंकि वे कंपनी प्रबंधन तक नहीं पहुंचतीं, इसलिए स्मॉल व मिड कैप कंपनियों पर अच्छी रिसर्च नहीं कर सकतीं। यहां सीएनआई बेहतर स्थिति में है। हम निवेशकों के पक्ष में खड़े रहने के साथ-साथ बहुत आसानी से कंपनियों के प्रबंधन तक पहुंच सकते हैं। असल में, हम तो अब प्रबंधन द्वारा प्रायोजित रिसर्च का सिलसिला शुरू कर रहे हैं। अगर प्रबंधन आगे बढ़कर रिसर्च का खर्च उठाता है तो उसे सब तक पहुंचाया जाएगा। इस जानकारी और स्वतंत्र विश्लेषण के आधार पर कोई भी समझदार निवेशक उस स्टॉक के बारे में साफ व निष्पक्ष राय बना सकता है।

आप पिछले कई दिनों से एफआईआई की तरफ से सुन रहे हैं कि हमारा बाजार महंगा हो गया है। ज्यादातर पंटर कह रहे थे कि निफ्टी का 5500 पर जाना असंभव है। लेकिन हम इस बात पर कायम थे कि निफ्टी 5555 पर जाएगा। यह ड्रामा निफ्टी के 2800 अंक से शुरू हुआ था और अब भी नहीं खत्म हो रहा। आप इसे नहीं समझ सकते।

मेरा मानना है कि चालू सेटलमेंट में निफ्टी का 5600 के पार जाना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन यह 5580 को छूने की कोशिश जरूर करेगा। हालांकि इसी के साथ दूर की आशंका यह भी है कि यह 5400 से नीचे जा सकता है। निफ्टी के ऑप्शन सौदों में पुट कॉल अनुपात 1.76 पर है जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। एफआईआई ने 5400 पर पुट (बेचने के सौदे) खरीद रखे हैं जिससे साफ पता चलता है कि उनका प्रीमियम बरबाद हो गया है।

मैं जानता हूं कि आप चार्टों को देखना बंद नहीं कर सकते, न ही उन्हें देखने का लालच छोड़ सकते हैं। वैसे, आमतौर पर रोलओवर काफी उतार-चढ़ाव से भरे होते हैं। लेकिन इस बार बाजार मंगलवार-बुधवार तक बढ़ेगा और गुरुवार को गिरावट का दिन रहेगा, महज इसलिए क्योंकि एफआईआई तीन ताकतवर तिलंगों से भिड़ चुके हैं। किंग (रिलायंस इंडस्ट्रीज – आरआईएल) फिर से एक्शन में है। अगले सेटलमेंट से लेकर दिसंबर तक का वक्त किंग का है और यह 1200 रुपए से ऊपर तक जाएगा। 5600 से 6200 तक किंग कॉलिंग चलेगी न कि कार्तिक कॉलिंग। मुझे कोई आश्चर्य नहीं होगा जो किंग आनेवाले सत्रों में किसी एक दिन में ही 10 फीसदी न उछल जाए ताकि उसकी परफॉर्मेंस को लेकर उठे सारे शक-शुबहे मिट जाएं।

सोचने का मतलब है धीमे बोलना और बोलने का मतलब है जोर से सोचना।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ हैलेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

1 Comment

  1. Sir
    Very Well done Keep it up(cement)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *