दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को टाटा समूह की कंपनी टाटा कम्युनिकेशंस को 469 वर्ग मीटर जमीन से बेदखल करने से रोक दिया। इस जमीन पर कंपनी की अनुषंगी वीएसएनएल का कार्यालय है। असल में वीएसएनएल ही वह सार्वजनिक क्षेत्र की मूल कंपनी है जिसे सरकार ने टाटा समूह को बेच दिया है। लेकिन उसकी बहुत सारी जमीन का मामला अब भी उलझा हुआ है।
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडला ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह दक्षिण दिल्ली में सावित्री सिनेमा के नजदीक स्थित विवादित जमीन टाटा समूह से बलपूर्वक लेने का प्रयास न करे। टाटा समूह के वकील राजीव नय्यर और ऋषि अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार जिस विवादित जमीन पर दावा कर रही है, वास्तव में वह पहले की सार्वजनिक कंपनी वीएसएनएल की है।
टाटा ने 2000 में अधिग्रहण के बाद वीएसएनएल की परिसंपत्तियों सहित कंपनी का प्रबंधन नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था।