भयंकर प्रतिकूलताओं से उभरती आशा
शेयर बाज़ार में साल 2022 की ट्रेडिंग का अंतिम दिन। वैसे यह साल ऐतिहासिक चुनौतियों से भरा साल रहा। विश्व स्तर पर 50 सालों की सबसे ज्यादा मुद्रास्फीति। लगभग 40 सालों में ब्याज दरें बढ़ाने का सबसे ज्यादा कठिन कठोर सिलसिला। 20 सालों में अमेरिकी डॉलर की सबसे ज्यादा मजबूती और दुनिया की तमाम मुद्राओं की हालत उसके आगे खराब होते जाना। साथ ही दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन में 45 सालों से ज्यादा अवधिऔरऔर भी
बाज़ार में है सुकून के साथ घबराहट भी
साल के अंत में फुरसत से समीक्षा करने की ज़रूरत है कि ट्रेडिंग में क्या पाया और क्यों गंवाया। साथ ही सतर्कता भी चाहिए कि शेयर बाज़ार के प्रमुख खिलाड़ी क्या कर रहे हैं, खासकर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और म्यूचुअल फंडों की सक्रियता क्या है? ताज़ा जानकारी के मुताबिक म्यूचुअल फंडों में एसआईपी के जरिए नियमित धन करनेवाले निवेशकों ने सितबंर से नवंबर तक के तीन महीनों में 22,110 करोड़ रुपए निकाले हैं। दूसरी तरफ एफपीआईऔरऔर भी
रिटेल ट्रेडर के लिए सतर्कता बेहद अहम
शेयर बाज़ार समेत समूचे वित्तीय बाज़ार में सक्रिय ट्रेडर के लिए सबसे अहम है उसकी सतर्कता। लम्बे निवेश में तो एक बार ठोंक-बजाकर कंपनी के शेयर खरीद लिए और फिर सालों के लिए सो गए तो कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन शेयर बाज़ार की ट्रेडिंग में तो सावधानी हटी, दुर्घटना घटी की स्थिति हमेशा बनी रहती है। ट्रेडर को बराबर देखते रहना पड़ता है कि दूसरे खिलाड़ी क्या कर रहे हैं। खासकर, म्यूचुअल फंडों और विदेशी पोर्टफोलियोऔरऔर भी
ट्रेडिंग से दूर फुरसत में समीक्षा के दिन
साल का आखिरी हफ्ता काम-धंधे और व्यस्तता का नहीं, बल्कि फुरसत का होता है। आमतौर पर कॉरपोरेट क्षेत्र से लेकर मीडिया के सीनियर लोग और तमाम प्रोफेशनल क्रिसमस से लेकर नया साल तक 10-12 दिन की छुट्टियां बाहर ही मनाते हैं। रिटेल ट्रेडर को भी इस वक्त का इस्तेमाल शांति से गुजरते साल की समीक्षा करते हुए बिताना चाहिए ताकि साफ हो सके कि साल के दौरान उसने क्या-क्या गलतियां कीं और क्या-क्या सबक सीखे। उसे समझनाऔरऔर भी
निफ्टी का रिटर्न हमारे हुनर का पैमाना
पता ही नहीं चला। देखते ही देखते साल बीतने को आ गया। साल 2022 का आखिरी सप्ताह। हिसाब-किताब लगाने का समय कि इस साल कितना पाया, कितना गंवाया। भारी उतार-चढ़ाव से गुजरे इस साल में निफ्टी-50 सोमवार, 3 जनवरी से शुक्रवार, 23 दिसंबर तक मात्र 1.03% बढ़ा है। यह साल भर में शेयर बाज़ार का बेहद निराशाजनक प्रदर्शन माना माना जाएगा। क्या आपने शेयर बाज़ार में निवेश से कम से कम इतना और ट्रेडिंग से इसका पांच-दसऔरऔर भी