भारतीय अर्थव्यवस्था की आंतरिक ताकत इतनी जबरदस्त है कि सरकार गलत से गलत नीतियां अपना लें, फिर भी यह पलटकर उठ खड़ी होती है। सरकार की अनीति और सच्चाई को ही नकारने के चलते हमारी आर्थिक विकास दर घटती जा रही है। लेकिन आश्चर्य है कि जनवरी 2020 में हमारा परचेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) आठ साल के रिकॉर्ड शिखर पर पहुंच गया। मतलब, देश का मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र उठने लगा है। अब तथास्तु में आज की कंपनी…और भीऔर भी

स्टॉप-लॉस का सर्वमान्य 2%-6% का नियम मौटेतौर पर सही है। लेकिन वित्तीय बाज़ार की ट्रेडिंग के बिजनेस में महज इतनी लागत से कमाने की गारंटी होती तो हर कोई यही धंधा कर रहा होता। दरअसल स्टॉप-लॉस लगाते वक्त हमें बहुत सतर्क रहना होता है और आम नही, खास परिस्थितियों को भी ध्यान में रखना होता है। कभी-कभी जिस आधार पर हमने सौदा शुरू किया होता है, वह आधार ही गायब हो जाता है। अब गुरुवार की दशा-दिशा…और भीऔर भी

शेयर बाज़ार ही नहीं, समूचे वित्तीय बाज़ार में रिटेल ट्रेडरों के लिए ट्रेडिंग के रिस्क को संभालने का सर्वमान्य तरीका है, किसी एक सौदे में 2% से ज्यादा नुकसान न उठाया जाए और महीने में अगर नुकसान 6% तक पहुंच जाए तो उस महीने की ट्रेडिंग फौरन रोक दी जाए। दूसरे शब्दों में आमतौर पर खरीदने के हर सौदे में डिमांड-ज़ोन के निचले स्तर से 2% नीचे का स्टॉप-लॉस लगाया जा  सकता है। अब बुधवार की बुद्धि…औरऔर भी

शेयर बाज़ार की ट्रेडिंग में रिस्क को संभालने का सामान्य तरीका है पोजिशन साइज़िंग। मान लीजिए, ट्रेडिग के लिए एक लाख रुपए रखे हैं तो उसे बीस हिस्सों में बांट लें। एक हिस्सा 5000 रुपए का। कुल बीस ट्रेड कर सकते है। कोई सौदा उल्टा पड़ा तो 5000 डूबेंगे, बाकी 95000 रुपए बचे रहेंगे। लेकिन इस तरीके में बहुतेरी खामियां हैं। फिर, यह तरीका केवल अप-ट्रेन्ड वाले स्टॉक्स में अपनाया जा सकता है। अब मंगलवार की दृष्टि…और भीऔर भी