जो डर गया, समझो मर गया। वित्तीय बाज़ार में ट्रेडिंग करनेवालों के लिए यह अकाट्य सच है। कारण, डर की मानसिकता में सही व संतुलित फैसला मुमकिन नहीं। इसलिए, अगर आप किसी वजह से परेशान, तनावग्रस्त या भयभीत हैं तो कुछ वक्त ट्रेडिंग से दूर रहें। डर से बचने का जमकर आजमाया तरीका यह है कि किसी सौदे में इतना लगाओ ही मत कि उसके डूबने से आपका दिल डूब जाए। अब करते हैं शुक्रवार का अभ्यास…औरऔर भी

वित्तीय बाज़ार में कुशल ट्रेडर का काम होता है लोगों की सोच को पकड़ते रहना। लेकिन लोग कोई मशीन नहीं कि हमेशा एक ही तरह से सोचें। साथ ही प्रोफेशनल ट्रेडर भी अपना तरीका अक्सर बदलते रहते हैं ताकि दूसरे उन्हें पकड़ नहीं सके। इसलिए ट्रेडर को बराबर अपनी रणनीति को मांजते रहना पड़ता है। उसे आम ट्रेडरों की सोच को समझना और प्रोफेशनल ट्रेडरों की दिशा पकड़कर कमाना होता है। अब परखते हैं गुरु की दशा-दिशा…औरऔर भी

नई दिल्ली: अब महज पांच मिनट में ट्रेन का अनारक्षित टिकट मोबाइल पर खरीदा जा सकता है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को एक समारोह में चेन्नई के एग्मोर-ताम्बरम उपनगरीय खंड पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कागज रहित अनारक्षित टिकट के लिए मोबाइल एप्लिकेशन लांच किया। रेल बजट में की गई अपनी घोषणा का जिक्र करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि यात्रियों की खातिर रेलवे ‘ऑपरेशन पांच मिनट’ के प्रति कटिबद्ध है। ‘ऑपरेशन पांच मिनट’औरऔर भी

नई दिल्ली: जाली या नकली जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति प्राप्‍त करने की जानकारी केन्‍द्रीय स्‍तर पर नहीं रखी जाती है। यह जानकारी लोकसभा में कार्मिक, जन शिकायत व पेंशन राज्‍य मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने बुधवार को रतन लाल कटारिया के सवाल के लिखित जवाब में दी। हालांकि केन्‍द्र सरकार ने इस संबंध में जानकारी इकट्ठा करने के लिए साल 2010 में एक मुहिम चलाई थी। विभिन्‍न मंत्रालयोंऔरऔर भी

इंद्र देव लगता है इस बार भी एनडीए सरकार पर मेहरबानी नहीं करने जा रहे हैं। बुधवार को मौसम विभाग की तरफ से जारी दक्षिण पश्चिम मानसून के दीर्घकालीन पूर्वानुमानों से यही संकेत मिलता है कि इस साल बारिश सामान्‍य से कुछ कम रहने की आशंका है। पिछले साल मौसम विभाग का शुरुआती अनुमान जुलाई-सितंबर के दौरान 95 प्रतिशत बारिश का था। बाद में इसे घटाकर 87 प्रतिशत किया गया। अंततः वास्तविक बारिश सामान्य की 88 प्रतिशतऔरऔर भी

एक के बाद एक, लगातार स्टॉप-लॉस लगता जाए तो जान सूख जाती है। लेकिन उनकी नहीं, जिन्होंने ट्रेडिंग में सफलता के सूत्र, बुद्धत्व को पा लिया है। दरअसल, स्टॉप-लॉस ट्रिगर हो गया तो समझना चाहिए कि हमारा अनुशासन काम आ गया। अन्यथा, हम घाटे की दलदल में धंस जाते। बढ़ते बाज़ार में थोड़े वक्त की गिरावट आती है तो लॉन्ग सौदेवालों का हश्र यही होता है। लेकिन शॉर्ट में तो ज्यादा फंसान है। अब बुध की बुद्धि…औरऔर भी