हमारी औकात नहीं कि किसी शेयर का भाव उठा-गिरा सकें। हमारे 10-20 हज़ार या दो-चार लाख डालने से कोई फर्क नहीं पड़ता। दरअसल, बाजार में भाव वे दिग्गज तय करते हैं जो एक सौदे में आराम से पांच-दस करोड़ डाल देते हैं। उनका सौदा चार्ट पर बड़ी कैंडल के रूप में दिख जाता है। निश्चित बिंदु पर उनकी दिशा पकड़कर हम भी बाज़ार से कमा सकते हैं। यही मोटा-सा नियम है। अब आजमाते हैं बुधवार की बुद्धि…औरऔर भी

ट्रेडिंग प्रायिकता या संभावना का खेल है। कंपनी का प्रवर्तक तक डंके की चोट पर नहीं कह सकता कि उसका शेयर कहां से कहां तक जाएगा। कुछ दिन पहले किसी सज्जन का ई-मेल आया कि आपकी सलाह अगर 70% भी निशाने पर लगती है तो वे यह सेवा सब्सक्राइब कर लेंगे। मेरा विनम्र निवेदन है कि सर्वश्रेष्ठ सेवा का भी स्ट्राइक रेट 60-65% से ज्यादा नहीं होता। हमें यह सच स्वीकार करना पड़ेगा। अब मंगलवार की दृष्टि…औरऔर भी

पुरानी कहावत है कि बिना अपने मरे स्वर्ग नहीं मिलता। यह बात ट्रेडिंग पर भी लागू होती है। बाज़ार में भावनाओं को पढ़ने की कला आपको आनी ही चाहिए। यह भावों के चार्ट में झलकती है। ब्रोकर दें या न दें, इसे बीएसई व एनएसई अपनी साइट पर बराबर देते हैं। इसके साथ-साथ वे वोल्यूम का पैटर्न देते हैं जिन्हें आप दैनिक, साप्ताहिक या महीने के टाइमफ्रेम में देख सकते हैं। अब पकड़ते हैं सोमवार का व्योम…औरऔर भी

सत्रह जनवरी 2012 को जब हमने इस दवा कंपनी में निवेश को कहा था, तब उसका शेयर 14.35 रुपए पर था। इसी महीने उसका शेयर 322.50 तक उठने के बाद फिलहाल 285 रुपए पर है। तीन साल में 1886% रिटर्न! इसके पीछे कोई ऑपरेटर नहीं, बल्कि कंपनी के बिजनेस की ताकत है। वह शोध पर जमकर निवेश करती है। उसके पास तमाम दवाओं के पेटेंट हैं। अब भी यह दीर्घकालिक निवेश के लिए एकदम मुफीद कंपनी है…औरऔर भी