सरकार और ज्यादातर कंपनियों का वित्त वर्ष अप्रैल से। किसानों का नया साल मार्च-अप्रैल के बीच चैत्र से। लेकिन व्यापारियों का नव वर्ष दीवाली के बाद से शुरू होता है। सभी का अपना-अपना जीवन-चक्र। शेयर बाज़ार के ट्रेडर भी एक तरह के व्यापारी हैं। रणनीति होनी चाहिए कि थोक में खरीदो, रिटेल में बेचो। पर ज्यादातर ट्रेडर रिटेल के भाव खरीदते हैं और घबराकर थोक के भाव पर निकल जाते हैं। करते हैं संवत 2070 की शुरुआत…औरऔर भी

शेयर बाज़ार के मूड का पैमाना बीएसई सेंसेक्स 10 जनवरी 2008 के शिखर 21,206.77 को भेदकर 21,293.88 की नई ऊंचाई हासिल कर चुका है। एक तो महंगाई की औसत दर को 10 फीसदी भी मानें तो सेंसेक्स का असल स्तर 12,251.16 पर है। दूसरे, इसमें शामिल 30 कंपनियों से अलग बीएसई-500 पर नज़र डालें तो मात्र 133 शेयर ही नए शिखर पर हैं। बाकी 367 अब भी पस्त हैं। पेश है इन्हीं में से एक शानदार शेयर…औरऔर भी

अगर किसी ने ट्रेडिंग को अच्छी तरह समझ लिया, टेक्निकल एनालिसिस में पारंगत हो गया हो तो ट्रेडिंग की शुरुआत उसे कितनी पूंजी से करनी चाहिए? मेरे एक जाननेवाले हैं जो अड़े हुए हैं कि जब दस लाख नहीं हो जाते, तब तक ट्रेडिंग को हाथ नहीं लगाएंगे। वे यह भी कहते हैं कि उन्हें दिन में ट्रेडिंग से 10,000 कमाने हैं। अगर दिन के 1000-1500 ही कमाने हैं तो बेहतर है कि वे सब्जी-भाजी की दुकानऔरऔर भी

हम न तेजड़िये हैं, न मंदड़िए। हम हैं विशुद्ध ट्रेडर। ज़रा-सा मौका देखकर चोला बदल लेते हैं। वैसे भी शाश्वत तेजड़िया या शाश्वत मंदड़िया जैसी कोई शख्सियत नहीं। यह बाज़ार का गढ़ा मिथ है। जिसको जहां जैसे मौका मिलता है, वैसे कमाता है। हमारी रणनीति होनी कि जो शेयर महंगे चल रहे हैं, उन्हें नीचे आने पर थोड़ा सस्ते में खरीदो और जो शेयर सस्ते चल रहे हैं, उन्हें उठने पर शॉर्ट करो। अब हाल-ए-बाज़ार आज का…औरऔर भी