चीन ने तीन साल बाद बढ़ाई ब्याज दर, सारी दुनिया हक्की-बक्की

चीन के केंद्रीय बैंक ने करीब तीन साल बाद पहली बार ब्याज दरें बढ़ाकर सबको चौंका दिया है। वहां 20 अक्टूबर, बुधवार से एक साल की जमा और कर्ज पर ब्याज की दर 0.25 फीसदी बढ़ जाएगी। यह कदम मुद्रास्फीति और विभिन्न आस्तियों के बढ़ते दामों पर काबू पाने के लिए उठाया गया है। अभी वहां एक साल के जमा पर ब्याज की दर 2.25 फीसदी है जो अब 2.50 फीसदी हो जाएगी। इसी तरह एक साल के ऋण पर ब्याज की दर 5.31 फीसदी है जो अब 5.56 फीसदी कर दी जाएगी।

चीन ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि वहां उपभोक्ता मुद्रास्फीति की दर 22 महीनों के शिखर पर पहुंच गई है। हालांकि यह दर अगस्त में 3.5 फीसदी रही है और सितंबर में इसके 3.6 फीसदी ही रहने का अनुमान है। नोट करने की बात है कि चीन में सरकार मुद्रास्फीति के 3.5 फीसदी होने से परेशान हो जा रही हैं, जबकि हमारे यहां मुद्रास्फीति की दर 8.5 फीसदी बनी हुई है और खाद्य मुद्रास्फीति की दर तो 16.24 फीसदी (25 सितंबर 2010 को खत्म सप्ताह) पर पहुंची हुई है। लेकिन हम इसकी सीधी-सीधी तुलना नहीं कर सकते क्योंकि किसी भी देश में मुद्रास्फीति और ब्याज की दर के ऐतिहासिक स्तर होते हैं जिनको ध्यान में रखना जरूरी है।

खैर, चीन के इस तरह से ब्याज बढ़ा देने से बहुत से विशेषज्ञ चौंक गए हैं और इसका असर  पूरी दुनिया पर पड़ा है। इससे कच्चे तेल के दाम घट गए। यूरोप में शेयरों की बढ़त थम गई और डॉलर तमाम मुद्राओं के सापेक्ष महंगा हो गया। रॉयटर्स समाचार एजेंसी के मुताबिक इस पर बीजिंग में सिटी सी सिक्यूरिटीज के अर्थशास्त्री झू जियांगफैंग का कहना है कि इस तरह ब्याज दर बढ़ा दी जाएगी, इसके बारे में बाजार ने दूर-दूर तक भी नहीं सोचा था। चीन के केंद्रीय बैंक का यह कदम एकदम अप्रत्याशित है।

हालांकि चीन के केंद्रीय बैंक के कुछ सलाहकारों समेत तमाम प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने सुझाव दिया था कि बचतकर्ताओं को ठीकठाक रिटर्न देने के लिए जमा पर ब्याज दरें बढ़ा देनी चाहिए। फिर भी ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला चौंकानेवाला है क्योंकि हाल में चीन के तमाम नेताओं ने कहा था कि मुद्रास्फीति पर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वह पूरी तरह नियंत्रण में है। इसके अलावा ब्याज दर बढ़ाने से विदेश की सटोरिया किस्म की पूंजी सिर्फ ब्याज दर के अंतर का फायदा उठाने के लिए चीन में आ सकती है।

बता दें कि चीन इस साल की तिमाही के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) और सितंबर के आर्थिक विकास के आंकड़े गुरुवार 21 अक्टूबर को जारी करनेवाला है। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि चीन में जीडीपी की विकास दर इस बार थोड़ा घटकर 9.5 फीसदी पर आ जाएगी, जबकि दूसरी तिमाही में यह दर 10.3 फीसदी रही है। भारत में जून 2010 की तिमाही में जीडीपी की विकास दर 8.8 फीसदी दर्ज की गई थी।

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