केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि विदेशी बैंकों में काला धन जमा करनेवाले लोगों के खिलाफ औपचारिक तौर पर मामला दर्ज किए जाने के बाद वह उन सभी लोगों के नाम सार्वजनिक कर देगी। न्यायमूर्ति बी सुदर्शन रेड्डी की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने पेश होते हुए सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार ने विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने के आरोपियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए हैं और एक बार उनके खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद उनके नाम सार्वजनिक कर दिए जाएंगे।
पीठ ने सरकार को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने का आरोपी पुणे का व्यापारी हसन अली खान देश छोड़ कर न जा सके। सुब्रमण्यम ने जब कोर्ट को बताया कि अली भारत में है और सरकार उसके खिलाफ सभी जरूरी कदम उठा रही है, तब पीठ ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करना आपका कर्तव्य है कि वह मुकदमा चलाए जाने के लिए उपलब्ध रहे।’’ मामले की अगली सुनवाई 3 मार्च को होनी है।
पीठ जाने-माने वकील राम जेठमलानी और अन्य कई पूर्व नौकरशाहों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट से सरकार को विदेशी बैंकों में जमा काला धन वापस लाने संबंधी आदेश दिए जाने की मांग की गई थी। यह राशि लगभग एक लाख करोड़ डॉलर बताई जा रही है।