जयराम का नया शिगूफा, विकास दर है 5.5-6%

अपने अलग विचारों के लिए अक्सर विवादों में घिरे रहनेवाले पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने एक नया विवादास्पद बयान दिया है। उनका कहना है कि अगर आर्थिक तरक्की के कारण पर्यावरण को पहुंचे नुकसान को गिना जाए तो देश की आर्थिक वृद्धि दर आठ या नौ फीसदी नहीं, बल्कि साढ़े पांच से छह फीसदी के बीच आंकी जाएगी। रमेश की इस टिप्पणी से पहले वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बीते सोमवार कहा था कि वित्त वर्ष 2009-10 में देश की आर्थिक वृद्धि दर आठ फीसदी रही और 2010-11 में इसके 8.6 फीसदी होने का अनुमान है।

पर्यावरण मंत्री ने गुरुवार को राजधानी दिल्ली में ‘पर्यावरणीय व्यवस्था और जैव विविधता के अर्थशास्त्र’ पर आयोजित सम्मेलन में कहा, ‘‘आर्थिक प्रगति के कारण प्राकृतिक संसाधनों, जैव विविधता और पर्यावरण को पहुंचे नुकसान के आधार पर अगर आर्थिक वृद्धि की गणना की जाए तो इसका आंकड़ा आठ या नौ फीसदी नहीं, बल्कि साढ़े पांच से छह फीसदी के बीच रहेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें पर्यावरण की कीमत पर हुई आर्थिक वृद्धि को पहचानना ही होगा। ..और ऐसा सिर्फ भारत के लिए नहीं है। अगर चीन में भी पर्यावरण को पहुंचे नुकसान के आधार पर आप आर्थिक वृद्धि की गणना करेंगे तो वह कम ही निकलेगी।’’ बहरहाल, रमेश ने कहा कि उन्होंने योजना आयोग को इस बात के लिए राजी कर लिया है कि वर्ष 2015 से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की गणना में आर्थिक तरक्की के कारण पर्यावरण पर पड़नेवाले असर को भी शामिल किया जाए।

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