केंद्र सरकार टाइड वॉटर ऑयल कंपनी में एंड्रयू यूल की इक्विटी हिस्सेदारी को बेचने पर गंभीरता से विचार कर रही है। यह आश्वासन भारी उद्योग व सार्वजनिक उद्यम मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने गुरुवार को एंड्रयू यूल के कामकाज की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में दिया। एंड्रयू यूल चाय उत्पादन में लगी सरकारी कंपनी है। उसकी 65.23 करोड़ रुपए की इक्विटी का 93.30 फीसदी हिस्सा भारत सरकार के पास है। वहीं टाइड वॉटर ऑयल में प्रवर्तक के बतौर एंड्रयू यूल की 26.22 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी है।
समीक्षा बैठक में बताया गया कि चालू वित्त वर्ष 2011-12 में एंड्रयू यूल का चाय उत्पादन 110 लाख किलोग्राम का हुआ, जो 2007-08 में 96 लाख किलोग्राम था। वर्ष 2011-12 में कम्पनी की बिक्री अनुमानित बिक्री 277 करोड़ रुपए रहेगी, जबकि 2010-11 में यह 239 करोड़ रुपए थी। कम्पनी ने नए वित्त वर्ष 2012-13 के लिए एक सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जिसके अनुसार 2012-13 में बिक्री को 324 करोड़ रुपए पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
बता दें कि 2007-08 में पुनर्वासन के बाद से कम्पनी हर साल लगातार मुनाफा दिखाती रही है। कम्पनी को कमजोर स्थिति से उबरकर मुनाफे की स्थिति में आने के लिए इस साल केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम पुरस्कार भी मिला है।
श्री पटेल ने कम्पनी के कामकाज की सराहना की और भरोसा दिलाया कि सरकार कम्पनी की आवश्यकताओं और मांगों पर गौर करेगी। इसमें कम्पनी की 4.52 करोड़ रुपए की गैर-योजना राशि को पूंजी में बदलने और उसके बाद जमा नुकसान के एवज में इसे माफ करने, भारत सरकार के ऋण पर जमा 25.78 करोड़ रुपए की ब्याज को माफ करने जैसी मांगें शामिल हैं। एंड्रयू यूल का दो रुपए अंकित मूल्य का शेयर गुरुवार को बीएसई (कोड – 526173) में 2.35 फीसदी बढ़कर 19.60 रुपए पर बंद हुआ है।