सुस्ती नहीं, निवेश में गति की रणनीति!

शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग भी एक तरह का निवेश है और निवेश भी एक तरह की ट्रेडिंग। निवेश का मकसद भी अंततः मुनाफा कमाना होता है तो वह भी लम्बे समय की ट्रेडिंग है और ट्रेडिंग छोटे समय का निवेश। ट्रेडिंग में अब तक की सफलतम रणनीति है मोमेंटम ट्रेडिंग। जो स्टॉक्स लगातार बढ़ रहे हैं और बढ़ते ही जा रहे हैं, उन्हें हर डुबकी पर खरीद लेना काफी लाभ का सौदा होता हैं। अब तो निवेश के लिए भी यह रणनीति अपनाई जाने लगी है। ऐसा निवेश साल भर में आराम से 20-25% रिटर्न दे देता है। मसलन, साल भर में महिंद्रा एंड महिंदा 45%, एक्सिस बैंक 58% और एचडीएफसी बैंक 26% से ज्यादा रिटर्न दे रहा है तो सही समय पर इनमें निवेश करने में क्या बुराई है? आखिर यह लम्बा ट्रेड ही तो है। यकीनन, मूल्यवान स्टॉक्स को सस्ते में पकड़ लेने की वैल्यू इन्वेस्टिंग अच्छी रणनीति है। लेकिन मोमेंटम ट्रेडिंग के साथ-साथ क्या मोमेंटम इन्वेस्टिंग भी नहीं आजमायी जानी चाहिए? आज तथास्तु में पहली बार इस रणनीति का प्रयोग…

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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं। इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
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