स्वांतः सुखाय कुछ नहीं। तुम दूसरों के लिए काम करो। दूसरे तुम्हारा ख्याल रख लेंगे। लेकिन तभी, जब दूसरों को समझ में जाएगा कि आप उनके लिए जो काम कर रहे हैं, वो वाकई उनके काम का है।
2011-07-18
स्वांतः सुखाय कुछ नहीं। तुम दूसरों के लिए काम करो। दूसरे तुम्हारा ख्याल रख लेंगे। लेकिन तभी, जब दूसरों को समझ में जाएगा कि आप उनके लिए जो काम कर रहे हैं, वो वाकई उनके काम का है।
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